पत्नी को जला कर मारने के आरोप में पति को सात साल का कठोर कारावास

झालावाड़ 6 अप्रेल(हि.स.)। विशिष्ठ न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण झालावाड ने पत्नी को जला कर मारने के दोषी पति महावीर प्रसाद पुत्र रामदेव निवासी मोरपा को सात साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।

विशिष्ठ जज घनश्याम शर्मा ने सुनाए फैसले में बताया कि दो मार्च 2022 को मृतका गायत्री बाई पत्नी महावीर खटीक के दामाद प्रकाश पहाडिया ने सुधा हॉस्पिटल कोटा में थानाधिकारी थाना कोतवाली झालावाड को रिपोर्ट देकर बताया कि मेरी सास गायत्री बाई व ससुर महावीर खटीक कुम्हार मोहल्ला झालावाड में किराया से रहते हैं। एक मार्च 2022 को मुझे रिश्तेदारों से सूचना मिली कि तुम्हारी सास को सुसर ने आग लगा दी है। जिस पर मैं मेरी पत्नी ज्योति के साथ सुकेत से झालावाड अस्पताल आया, जहा से डाक्टर ने कोटा रैफर कर दिया। होश आने पर मेरी सास ने बताया कि मेरे पति महावीर खटीक ने रुपयों के हिसाब को लेकर गाली गलोच की और मारा पीटा और रसोई में बन्द कर मेरे कपडों में व कमरे में रखे सारे कपडों में आग लगा दी।

बाहर से दरवाजे की कुण्डी लगा कर भाग गया। इस पर पुलिस थाना कोतवाली ने मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गायत्री बाई की स्थिति नाजुक होने से एसीजेम कोटा के सामने उसके मृत्यु कालीन कथन लेखबद्ध करवाए। इसमें गायत्रीबाई ने पति को दारू पीने से मना करने व काम पर जाने की कहने पर अभियुक्त गायत्री बाई के साथ मारपीट करता था, घटना के दिन शराब पी कर मारपीट की थी, नई साडी व कपडो में आग लगा दी थी। गैस के पाईप में आग लग गई थी इससे गायत्री बाई के कपडों में आग लग गई थी। इलाज के दौरान गायत्री बाई की मृत्यु हो गई। अनुसंधान कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झालावाड के समक्ष आरोप पत्र पेश किया। जहां से प्रकरण सेशन न्यायालय में कमिट हुआ जो विशिष्ठ न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण झालावाड में स्थानान्तरित हो कर प्राप्त हुआ। इस पर विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहम्मद तौकीर आलम ने अभियोजन पक्ष की ओर की ओर पेरवी करते हुए 13 गवाहों की गवाही व 37 दस्तवावेज पेश कराए। जिनके आधार पर कोर्ट ने निर्णय सुनाया।