लक्ष्य को निर्धारित करें, कितनी भी बेईमानी हो सत्य की हमेशा विजय होती है: रामेश्वर उरांव

रांची, 02 जुलाई (हि.स.)। खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में मंगलवार को पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने राजधानी रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से आए 10वीं और 12वीं के जैक बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में मंगलवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मौके पर मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने अपने भाषण में उपस्थित अभिभावकों को सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति में सिर्फ और सिर्फ स्कूली शिक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि बच्चे मैट्रिक के बाद और यहां तक के कुछ बच्चे तो मैट्रिक के पहले ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के नाम पर कोचिंग के जाल में फंसते जा रहे हैं और वास्तविकता में अपनी पढ़ाई से दूर एक व्यावसायिक जाल में फंस रहे हैं। सरकार भी इस दिशा में प्रयास कर रही है। बच्चों को भी आवश्यकता है स्कूलों में बेसिक एजुकेशन प्राप्त करें और अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाएं।

नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी पर उन्होंने कहा कि बच्चों को हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने लक्ष्य को निर्धारित करें। कितनी भी बेईमानी हो सत्य की हमेशा विजय होती है। उन्होंने अभिभावकों को भी अपने-अपने बच्चों को समय देने को कहा। बच्चों में ड्रग्स और सोशल मीडिया के कुप्रभाव पर भी उन्होंने चर्चा की और कहा कि अच्छा पालन पोषण ही इसका एकमात्र निदान है।

पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि प्रत्येक वर्ष मैट्रिक तथा इंटर के झारखंड बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड तथा आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट तथा मेडल देकर पुरस्कृत किया जाता है। क्योंकि, हो सकता है किसी कारण से किसी बच्चे को परीक्षा में टॉपर से कुछ कम अंक आया हो लेकिन उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमारे सम्मानित करने से उनमें आत्मबल का विकास होगा और वह पूरे जोश और उत्साह से अगली परीक्षा में उससे भी अधिक अंक प्राप्त कर आदर्श नागरिक बनेंगे।

दुबे ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पासवा ने राज्य स्तरीय छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह कर सिर्फ रांची में लगभग 45 हजार बच्चों को पुरस्कृत किया है जबकि पूरे राज्य में लगभग एक लाख से अधिक बच्चों को सम्मानित किया जा चुका है। इस वर्ष लगभग 20 हजार बच्चों को पुरस्कृत किया गया है।

इस दौरान बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य करने के लिए झारखंड के निजी विद्यालयों के प्राचार्य और 2500 शिक्षाविदों को भी पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, फलक फातिमा, शिक्षाविद राजेश पिल्लई, सिस्टर एम मल्हार, सिस्टर जेनी, एचचन तिवारी, रेखा नायडू, सुखनाथ महतो, ममता देवी, डॉ सुषमा करकेट्टा, रूपेश कुमार, रशीद अंसारी, मनोज कुमार भट्ट, संजय प्रसाद सहित अन्य मौजूद थे।