वरिष्ठ नागरिक बचत योजना: रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों के पास आय का कोई ठोस स्रोत नहीं होता है। उनके पास जीवन भर की पूंजी यानी रिटायरमेंट फंड होता है जिसका इस्तेमाल वे अपनी सुविधा के अनुसार करते हैं और विभिन्न जगहों पर निवेश करते हैं ताकि उनका पैसा समय के साथ बढ़ता रहे। ज्यादातर बुजुर्ग निवेश के मामले में किसी भी तरह का जोखिम लेना पसंद नहीं करते हैं। वे ऐसी योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं जिनसे उन्हें गारंटीड रिटर्न मिल सके।
ऐसे बुजुर्गों के लिए पोस्ट ऑफिस में एक स्कीम चलाई जाती है जिसमें उन्हें अच्छी खासी ब्याज राशि दी जाती है। इस स्कीम का नाम है सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम। इस स्कीम के जरिए अगर बुजुर्ग चाहें तो सिर्फ ब्याज से ही ₹12,30,000 कमा सकते हैं। जानिए कैसे-
जानें कितना मिल रहा है ब्याज
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम एक डिपॉजिट स्कीम है। इसमें 5 साल के लिए एक तय रकम जमा की जाती है। इस स्कीम में सीनियर सिटीजन 30,00,000 रुपये तक निवेश कर सकते हैं, जबकि न्यूनतम निवेश सीमा 1000 रुपये है। फिलहाल SCSS पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।
ऐसे मिलेगा ₹12,30,000 का ब्याज
जैसा कि हमने आपको बताया, इस योजना में आप अधिकतम 30,00,000 रुपये जमा कर सकते हैं। अगर आप इस योजना में इतनी रकम निवेश करते हैं तो 5 साल में आपको 8.2% की दर से 12,30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। हर तिमाही में 61,500 रुपये ब्याज के तौर पर जमा किए जाएंगे। इस तरह 5 साल बाद आपको मैच्योरिटी अमाउंट के तौर पर कुल 42,30,000 रुपये मिलेंगे।
वहीं अगर आप इस स्कीम में 5 साल के लिए 15 लाख रुपये जमा करते हैं तो मौजूदा ब्याज दर 8.2 फीसदी के हिसाब से आपको 5 साल में सिर्फ 6,15,000 रुपये ब्याज के तौर पर मिलेंगे। अगर आप तिमाही आधार पर ब्याज की गणना करते हैं तो आपको हर तीन महीने में 30,750 रुपये ब्याज मिलेगा। इस तरह 15,00,000 रुपये और ब्याज राशि 6,15,000 रुपये जोड़कर कुल 21,15,000 रुपये मैच्योरिटी अमाउंट के तौर पर मिलेंगे।
कौन निवेश कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल या उससे अधिक है, वह निवेश कर सकता है। वहीं वीआरएस लेने वाले सिविल सेक्टर के सरकारी कर्मचारियों और डिफेंस से रिटायर होने वाले लोगों को कुछ शर्तों के साथ आयु सीमा में छूट दी जाती है। यह स्कीम 5 साल बाद मैच्योर होती है। अगर आप 5 साल बाद भी इस स्कीम का लाभ जारी रखना चाहते हैं तो जमा राशि मैच्योर होने के बाद अकाउंट की अवधि तीन साल के लिए बढ़ा सकते हैं। मैच्योरिटी के 1 साल के अंदर इसे बढ़ाया जा सकता है। विस्तारित खाते पर मैच्योरिटी की तारीख पर लागू दर से ब्याज मिलता है। एससीएसएस में सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।