देश के सीनियर सिटिजंस को इस बार के यूनियन बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं। पेंशन और इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर रहने वाले बुजुर्गों को बढ़ती महंगाई, खासतौर पर खाने-पीने की चीजों और मेडिकल खर्चों ने मुश्किल में डाल दिया है। इसके अलावा, उधार और इलाज के बढ़ते खर्च उनके वित्तीय बोझ को और बढ़ा रहे हैं। ऐसे में अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में उनके लिए राहत भरे कदम उठाती हैं, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। आइए जानें कि सीनियर सिटिजंस को इस बजट से क्या प्रमुख उम्मीदें हैं।
1. इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट में बढ़ोतरी
वर्तमान में, इनकम टैक्स के नियम सीनियर सिटिजंस को दो श्रेणियों में बांटते हैं:
- सीनियर सिटीजन (60-80 वर्ष): सालाना ₹3 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री।
- सुपर सीनियर सिटीजन (80+ वर्ष): सालाना ₹5 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री।
हालांकि, मौजूदा महंगाई और बढ़ते खर्चों को देखते हुए यह लिमिट काफी कम है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि:
- दोनों श्रेणियों की टैक्स-फ्री लिमिट बढ़ाकर ₹10 लाख की जानी चाहिए।
- यह कदम सीनियर सिटिजंस को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा और उनकी जिंदगी को आसान बनाएगा।
2. हेल्थ इंश्योरेंस पर ज्यादा डिडक्शन की जरूरत
वर्तमान में, इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था (Old Regime) के तहत, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सीनियर सिटिजंस को ₹50,000 तक का डिडक्शन मिलता है।
- समस्या: कोविड-19 के बाद हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम में भारी बढ़ोतरी हुई है।
- समाधान: सरकार को इस लिमिट को बढ़ाकर ₹75,000 या ₹80,000 करना चाहिए।
यह कदम बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा के बढ़ते खर्चों को सहन करने में मदद करेगा।
3. इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग से छूट
फिलहाल, ऐसे बुजुर्ग जिन्हें केवल पेंशन और इंटरेस्ट इनकम से आय होती है, उन्हें 75 वर्ष की उम्र के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट दी गई है।
- सुझाव: यह उम्र सीमा हटाकर, सभी पेंशन और इंटरेस्ट-आधारित इनकम वाले सीनियर सिटिजंस को यह छूट देनी चाहिए।
- लाभ: इससे करोड़ों बुजुर्गों को राहत मिलेगी और रिटर्न फाइलिंग की जटिलताओं से छुटकारा मिलेगा।
4. एनपीएस की पेंशन पर टैक्स छूट
अभी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत:
- कुल फंड का 60% हिस्सा टैक्स-फ्री होता है।
- बाकी 40% का उपयोग एन्युटी खरीदने में होता है, जिससे हर महीने पेंशन मिलती है।
समस्या: इस पेंशन इनकम पर टैक्स लगता है।
- सुझाव: एन्युटी से मिलने वाली पेंशन इनकम को टैक्स-फ्री कर दिया जाए।
- लाभ: इससे बुजुर्गों को अधिक आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी।
5. मेडिकल खर्चों पर विशेष डिडक्शन
बढ़ती उम्र के साथ मेडिकल केयर और जांचों की जरूरत बढ़ जाती है।
- सुझाव: मेडिकल खर्चों, जैसे ओपीडी, टेस्ट्स और अन्य उपचार पर सालाना ₹1 लाख तक का डिडक्शन देने की अनुमति दी जाए।
- लाभ: बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले भारी खर्चों में राहत मिलेगी।