वाशिंगटन (डी.सी.): अमेरिकी सीनेट ने भारतीय-अमेरिकी डॉ. डोनाल्ड ट्रम्प की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उन्होंने जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के निदेशक के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। 119वीं कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट बताती है कि सीनेट के 100 सदस्यों में से 53 ने नियुक्ति के पक्ष में मतदान किया। जबकि 47 सदस्यों ने इसके विरोध में मतदान किया। इस प्रकार, सीनेट ने नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
डॉ. भट्टाचार्य स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं। इसके अलावा, वह राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो में अनुसंधान सहयोगी भी हैं। उन्हें नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च और स्टैनफोर्ड फ्रिसो स्मोल्गी इंस्टीट्यूट और हार्वर्ड इंस्टीट्यूट द्वारा वरिष्ठ फेलो के रूप में स्वीकार किया गया है।
डॉ. भट्टाचार्य वर्तमान में स्टैनफोर्ड के जनसांख्यिकी एवं स्वास्थ्य एवं वृद्धावस्था अर्थशास्त्र केंद्र के निदेशक हैं। उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा, उनके लेख स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य नीति पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
इससे पहले फरवरी में, सीनेट ने “टीका-विरोधी” कार्यकर्ता रॉबर्ट एफ. कैनेडी पर महाभियोग लगाया था और उन्हें “अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव” के रूप में पुष्टि की गई थी। डॉ. भट्टाचार्य उनके साथ समन्वय करेंगे और उनकी जिम्मेदारियां संभालेंगे।
भारतीयों ने अमेरिका पर अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। उषा वेंस दूसरी महिला हैं। वरिष्ठ सलाहकार श्रीराम कृष्णन हैं। काश पटेल एफबीआई के निदेशक हैं। हरमीत कौर “नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल” के रूप में कार्यरत हैं। इस प्रकार, भारतीय महत्वपूर्ण पदों पर हैं। गुजरात की सुनीता विलियम्स ने नासा की ओर से अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और अमेरिका का नाम रोशन किया है। भारतीय मां की बेटी तुलसी गबार्ड अमेरिका की “राष्ट्रीय खुफिया निदेशक” हैं।