सीहोरः कुबेरेश्वर धाम पर रविवार से शुरू होगा गुरु पूर्णिमा महोत्सव, 21 जुलाई को होगी गुरु दीक्षा

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सीहोर, 13 जुलाई (हि.स.)। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस सात दिवसीय महोत्सव की शुरुआत रविवार, 14 जुलाई से होगी। इस मौके पर सात दिवसीय शिव महापुराण दोपहर एक बजे से चार बजे तक और एक दिवसीय 21 जुलाई को दीक्षा महोत्सव का आयोजन प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में किया जाएगा। मंदिर परिसर में होने वाली कथा की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार को कथा स्थल का जायजा लिया। कथास्थल पर एक दिन शनिवार की सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके लिए विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, आशीष वर्मा, मनोज दीक्षित मामा, आकाश शर्मा, सौभाग्य मिश्रा, रविन्द्र नायक सहित अन्य ने यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी के अलावा जय श्री गायत्री पनीर फैक्ट्री के संचालक समाजसेवी राजेन्द्र प्रसाद मोदी द्वारा सहयोग किए तीन हजार लीटर की ठंडाई का वितरण किया गया। इस मौके पर फैक्ट्री की ओर से डीसी बघेल आदि शामिल है। यहां आने वाले श्रद्धालु के लिए आधुनिक रसोई में 50 क्विंटल आलु, 30 क्विंटल कद्दू, 50 क्विंटल आटा, 20 क्विंटल सेव-मिक्सर आदि की व्यवस्था समिति द्वारा की जा रही है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और पार्किंग आदि के लिए पुलिस विभाग की ओर से 500 से अधिक जवानों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा नगर पालिका, जनपद, स्वास्थ्य विभाग, मध्यप्रदेश वितरण कंपनी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा भी उचित व्यवस्था की जा रही है।

हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल में डेरा डाल चुके

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि रविवार से आरंभ होने वाली सात दिवसीय शिव महापुराण दोपहर एक बजे से आरंभ होगी, लेकिन एक दिन पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल में डेरा डाल चुके हैं। बोरिया-बिस्तरा लेकर परिवार के साथ डटे हुए हैं। प्रदेश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्था से भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। श्रद्धालु पूरी व्यवस्था लेकर कथा पंडाल में पहुंचकर अपना स्थान सुरक्षित कर रहे हैं। यहां अब तक करीब 10 हजार से अधिक श्रद्धालु आ चुके थे। कथा स्थल पर तीन भव्य पंडाल बनाए है। जिसमें दो लाख से अधिक श्रद्धालु एक साथ बैठकर कथा का श्रवण कर सकते है। इसके अलावा भोजनशाला आदि के लिए भी अनेक पंडाल बनाए गए हैं।