मोहम्मद यूनुस की चाल देखिए! कपड़ा निर्यात में भारत को नजरअंदाज करेगा बांग्लादेश, पड़ोसी के साथ खेलेगा बाजी!

Mohammad Yunus

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभालने के बाद से मोहम्मद यूनुस लगातार ढाका को भारत से दूर ले जा रहे हैं। अब दुनिया के सबसे बड़े कपड़ा उत्पादक बांग्लादेश ने वैश्विक बाजार में अपना माल पहुंचाने के लिए भारत को दरकिनार करने का फैसला किया है। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश ने वैश्विक वितरण के लिए मालदीव के माध्यम से कपड़ा निर्यात मार्ग को चुना है। यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के इस फैसले से भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों की कार्गो राजस्व संभावनाओं को नुकसान होगा।

लाइवमिंट ने एमएससी एजेंसी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दीपक तिवारी के हवाले से कहा कि पहले बांग्लादेशी सामान भारतीय हवाई अड्डों के माध्यम से भेजा जाता था, लेकिन अब वे शिपमेंट को अन्य गंतव्यों से भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बदलावों का मतलब है कि भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को इस कार्गो को संभालने से राजस्व का नुकसान होगा।

समुद्र के रास्ते मालदीव तक सामान भेजा जा रहा है

रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेश अपना कपड़ा निर्यात समुद्र के रास्ते मालदीव भेज रहा है। इसके बाद यह एच एंड एम और ज़ारा सहित वैश्विक ग्राहकों को हवाई मार्ग से माल भेज रहा है। कपड़ा निर्यात मार्ग बदलने से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार संबंध कमजोर हो सकते हैं। इससे लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अवसर कम हो सकते हैं।

मोदी सरकार हुई सक्रिय

एक व्यक्ति ने कहा, भारत सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि बांग्लादेश का कपड़ा निर्यात भारतीय हितों के लिए फायदेमंद हो। उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी कपड़ा निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बांग्लादेश में मौजूद भारतीय कंपनियों के स्वामित्व या संचालित सुविधाओं या कारखानों में उत्पादित होता है।

सप्लाई चेन को नियंत्रित करने का प्रयास

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बांग्लादेश का कदम आपूर्ति श्रृंखला पर अधिक नियंत्रण हासिल करना और शिपमेंट की समय सीमा को पूरा करना है। एसोसिएशन ऑफ मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स के अध्यक्ष अरुण कुमार का कहना है कि नया मार्ग बांग्लादेश को बेहतर विश्वसनीयता और रणनीतिक लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा, बांग्लादेश भारतीय बंदरगाहों पर निर्भरता से बचकर अपनी आपूर्ति श्रृंखला पर अधिक नियंत्रण सुनिश्चित कर रहा है।