अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो यह जानकारी आपके बिजनेस की है। सेबी के नए नियम के बाद डीमैट खातों के जीरा बेल्स का दौर खत्म हो जाएगा. अब सेबी ने एक नया नियम बनाया है. इसके मुताबिक, ब्रोकर अब ग्राहक से केवल शुल्क ही ले सकेगा। जो एक्सचेंजों, क्लियरिंग हाउस और डिपॉजिटरी के बदले में पेश किया जाता है। नए नियम के मुताबिक स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों पर बड़ा असर पड़ा है. सेबी ने अपने सर्कुलर में ब्रोकरों से कहा कि वे जो शुल्क ले रहे हैं वह वास्तविक होना चाहिए।
टर्नओवर जितना अधिक होगा, लेनदेन शुल्क उतना ही कम होगा
जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट ब्रोकिंग पर सेबी के नए नियम के कारण जीरो ब्रोकरेज को खत्म करना पड़ सकता है। सेबी के इस सर्कुलर के बाद लिस्टेड स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। यह दावा किया गया है कि स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर कुल कारोबार के आधार पर लेनदेन शुल्क लेते हैं। टर्नओवर जितना अधिक होगा, लेनदेन शुल्क उतना ही कम होगा।
फ्री इक्विटी डिलिवरी ट्रेड बंद हो सकते हैं
ब्रोकर द्वारा ग्राहक से ली जाने वाली फीस और महीने के अंत में एक्सचेंज ब्रोकर को मिलने वाली फीस के बीच का अंतर ब्रोकर की कमाई है। जानकारी के मुताबिक, दुनिया भर के प्रमुख बाजारों में इस तरह का कमीशन आम है। नए नियमों के मुताबिक सेबी एक्सचेंज ब्रोकर से भी इतनी ही रकम वसूल रही है. इससे पहले एक्सचेंज द्वारा ली जाने वाली फीस का कुछ हिस्सा ब्रोकर को लौटा दिया जाता था। इसके ख़त्म होने के बाद फ्री इक्विटी डिलिवरी ट्रेडों को बंद करना पड़ सकता है या ट्रेड शुल्क बढ़ाना पड़ सकता है।
ब्रोकरों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा
रिपोर्ट्स के मुताबिक सेबी कुछ बदलाव कर रहा है. इसका सीधा असर स्टॉक मार्केट टिप्स ब्रोकरों की कमाई पर पड़ेगा। अब ब्रोकर नियमित शुल्क लेने के बजाय हर महीने एक निश्चित शुल्क लेगा और ट्रेड खाते से कुछ राशि लौटाएगा। ब्रोकरेज फीस में इस बदलाव से मुफ्त में शेयर रखने की सुविधा पर कमाई कम हो सकती है। सेबी का ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि बाजार से संबंधित सभी संस्थाएं एक समान शुल्क लें। इससे सब कुछ साफ़ सुथरा हो जाएगा.