चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. याचिका में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. इसमें कहा गया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध नहीं है।
ये सुझाव केंद्र सरकार को दिया गया
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ‘बाल पोर्नोग्राफी’ शब्द को ‘बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री’ शब्द से बदलने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का सुझाव दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों को ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी’ शब्द का इस्तेमाल बंद करने का भी निर्देश दिया है।