SC ईवीएम: हार तो हार, जीत खराब तो चुप क्यों रहें, सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को दिया कड़ा संदेश; मतपत्र संबंधी याचिका खारिज

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SC EVM: महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद विपक्ष फिर से ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का मुद्दा उठाने में जुट गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को ईवीएम पर सवाल उठाए और बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की. हालांकि, उनके इस ऐलान से पहले सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता को न सिर्फ फटकार लगाई, बल्कि राजनीतिक दलों को सख्त संदेश भी दिया.

कोर्ट ने कहा कि जब आप चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है और जीत जाते हैं तो चुप हो जाते हैं. हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ना ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। यह जनहित याचिका डाॅ. केए पॉल ने कोर्ट में याचिका दायर की.

कोर्ट ने पूछा- इतना बढ़िया आइडिया कैसे आया?
इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपको यह याचिका दायर करने का शानदार विचार कैसे आया? इस पर पॉल ने कहा कि वह एक ऐसी संस्था के अध्यक्ष हैं जिसने तीन लाख से ज्यादा अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है। कोर्ट ने कहा कि आपका काम बहुत अच्छा है. फिर आप राजनीतिक क्षेत्र में क्यों उतर रहे हैं? उस पर पॉल ने कहा कि वह दुनिया के 150 से ज्यादा देशों का दौरा कर चुके हैं. इनमें से अधिकतर देश अब मतपत्र से मतदान करते हैं।

कोर्ट ने कहा कि आप दुनिया के दूसरे देशों से अलग क्यों नहीं होना चाहते? पॉल ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने खुद नौ हजार करोड़ से ज्यादा की रकम जब्त की है. कोर्ट ने कहा कि आप यह कैसे कह सकते हैं कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव होंगे तो भ्रष्टाचार नहीं होगा.

याचिकाकर्ता ने एलन मस्क का जिक्र करते हुए
कोर्ट को बताया कि उनकी याचिका को 18 से ज्यादा राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है. इसके अलावा टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी कह चुके हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है.

उस पर कोर्ट ने कहा कि जब चंद्रबाबू चुनाव हारते हैं तो उनके लिए ईवीएम खराब हो जाती है और जब वह जीतकर मुख्यमंत्री बनते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है. चुनाव हारने पर जगन रेड्डी ने भी ये आरोप लगाया था. लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी.