भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के कई प्रमुख बैंकों ने अपने लोन पर ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। इसी कड़ी में, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी अपने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। इस फैसले में एक्सटर्नल बेंचमार्क आधारित लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) दोनों शामिल हैं।
SBI के ग्राहकों को मिलेगा फायदा
एसबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई इस कटौती का सबसे ज्यादा लाभ उन ग्राहकों को मिलेगा, जिन्होंने EBLR और RLLR से जुड़े लोन लिए हुए हैं। इससे उनकी मासिक किश्त यानी EMI कम हो जाएगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, बैंक ने मॉर्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR), बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) में कोई बदलाव नहीं किया है।
SBI ने EBLR और RLLR में कितनी की कटौती?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) होम लोन समेत अन्य लोन की ब्याज दरें तय करने के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) का उपयोग करता है। ताजा कटौती के अनुसार:
- EBLR में 25 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती की गई है, जिससे यह 9.15% से घटकर 8.90% हो गया है। इससे ग्राहकों के लिए होम लोन सस्ता हो जाएगा।
- RLLR में भी 25 BPS की कमी की गई है, जिससे यह 8.75% से घटकर 8.50% हो गया है। इससे होम लोन और बिजनेस लोन लेने वाले ग्राहकों को फायदा होगा।
गौरतलब है कि 1 अक्टूबर 2019 से SBI ने अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन के लिए रेपो रेट को एक्सटर्नल बेंचमार्क के रूप में अपनाया था।
RBI की मौद्रिक नीति समिति का फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला किया गया। इस बैठक में सदस्यों ने रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% करने का निर्णय लिया।
यह कटौती पिछले पांच वर्षों में पहली बार हुई है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में लगभग 250 बेसिस प्वाइंट्स (BPS) की बढ़ोतरी की थी।
क्या होगा ग्राहकों पर असर?
- नई ब्याज दरों के चलते होम लोन और पर्सनल लोन की EMI घटेगी।
- ब्याज दरों में कटौती से नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा होगा।
- ब्याज दरें कम होने से मकान खरीदना सस्ता हो सकता है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
SBI द्वारा ब्याज दरों में की गई यह कटौती ग्राहकों के लिए राहत लेकर आई है। इससे न केवल लोन लेने वालों की मासिक EMI घटेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।