सतना, 21 मई (हि.स.)। जिले के एक खरीदी केंद्र पर कागजों में 96 लाख रुपये का फर्जी गेहूं खरीद लिया गया। इसकी ऐवज में किसानों को भुगतान भी कर दिया गया। यही नहीं, मिलीभगत से ट्रांसपोर्टर, बिचौलिए, अफसर और कर्मचारियों ने गेहूं का परिवहन दिखाकर रेलवे के रैक तक पहुंचना भी दिखा दिया गया। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक अमित गौड़ को निलंबित कर दिया है। वहीं पुलिस ने महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष समेत नौ लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कलेक्टर ने आज ही दिए थे जांच के निर्देश
दरअसल, कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मंगलवार को कलेक्टर कक्ष में गेहूं खरीदी से संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर उपार्जन कार्य की समीक्षा की थी। बैठक में कलेक्टर ने जायतमाल बाबा महिला स्व-सहायता समूह कारीगोही में 3860 क्विंटल गेहूं करीब 93 लाख रुपये के परिवहन में की गई अनियमितता की विस्तृत जांच करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिये थे।
कलेक्टर ने एक अप्रैल 2024 से 21 मई 2024 तक खरीदी केंद्र से संबंधित 19 किसानों के खातों में आई राशि के भुगतान पर रोक लगाने तथा इन खातों से अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर की गई राशि का पता लगाकर उन खातों को भी होल्ड करने के निर्देश दिये। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक को इस संबंध की विस्तृत जानकारी देने तथा गेहूं खरीदी कार्य की अनियमितता में संलिप्त कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।
इधर, मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को उपार्जन संबंधी बैठक में विभागीय अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी दी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सतना जिले के कारीगोह से 13 ट्रक में 3,860 क्विंटल गेहूं का परिवहन किया गया, लेकिन यह गोदाम तक नहीं पहुंचा। सर्वेयर ने इन ट्रकों को पास कर दिया। निगम के प्रदाय केंद्रों से स्वीकृति पत्रक भी जारी कर दिए गए। इसके आधार पर किसानों को उपज का भुगतान भी हो गया। यह बात भी सामने आई कि सर्वेयर का पंजीयन पोर्टल पर जिला प्रबंधक के लाग इन से किया गया था।
इस आधार पर यह माना गया कि इस प्रकरण में जिला प्रबंधक अमित गौड़ ने लापरवाही बरती, इसलिए निगम ने उन्हें निलंबित कर मुख्यालय क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर निर्धारित किया गया। मामले में अब तक महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सीता गिरी, आपरेटर अभिलाषा सिंह, परिवहनकर्ता के प्रबंधक सम्राट सिंह, निगम के आपरेटर नरेंद्र पांडे, धनंजय द्विवेदी, सतीश कुमार द्विवेदी, राकेश सिंह समेत अन्य के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है।