सोनीपत, 3 जून (हि.स.)। संस्कार ही जीवन का आधार है, जो व्यक्ति अपने संस्कारों, संस्कृति एवं धर्म से दूर हो जाता है उसके जीवन में मिली सफलता बेमायने है । इसलिए बच्चों में शुरू से ही धर्म एवं संस्कारयुक्त शिक्षा के बीज रोपित करने चाहिए ताकि वह अपने परिवार की पहचान बन सके। पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने यह बात सोमवार को ब्राह्मी महिला मंच द्वारा जैन मंदिर मंडी तथा सेक्टर 15 सेक्टर में आयोजित अर्हम ध्यान एवं संस्कार कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि भारत देश विदेशी आक्रांताओं के बावजूद भी अपनी संस्कृति एवं धर्म के बल पर जिन्दा है। बच्चे गीली मिटटी के समान हैं, जिन्हें हम किसी भी प्रकार का आकार दे सकते हैं। प्रधानाचार्य पंडित अमन शास्त्री एवं वीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि बच्चों की ग्रीष्मकाल की छुट्टियों में इस तरह के शिविर पूरे देश में आयोजित किए जाते हैं ताकि बच्चे धर्म के मार्ग पर चलते रहें। मुख्यमंत्री के पूर्व मिडिया सलाहकार एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन, प्रधान एसके जैन, पियूष जैन, डॉक्टर भावना जैन, नीलम जैन, शांता जैन, उषा जैन, रेखा जैन, पिंकी जैन, सुमन जैन, प्रियंका जैन, कमलेश जैन सहित प्रतियोगिता में भाग लेने वाले काफी बच्चे शामिल रहे।