शिमला, 1 नवंबर (हि.स.)। नगर में संजौली मस्जिद विवाद एक बार फिर से गहरा गया है। एमसी कोर्ट के आदेशों को अब जिला काेर्ट में चुनौती दी गई है। मस्जिद कमेटी के प्रधान मोहम्मद लतीफ की ओर से नगर निगम आयुक्त को दिए गए हलफनामे को जिला काेर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने नगर निगम आयुक्त के फैसले के खिलाफ जिला काेर्ट में अपील दायर की है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है। लतीफ की तरफ से जो हल्फनामा दायर किया गया है, वह कमेटी की सहमति के बगैर दायर किया गया है। नजाकत हाशमी बनाम एमसी शिमला के नाम से यह अपील दायर की गई है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम आयुक्त ने हल्फनामों के आधार पर मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए हैं। आसिफ ने बताया कि आजादी से पहले पक्की मस्जिद थी। साल 1954 में वक्फ बोर्ड बना और बोर्ड बनने के बाद देशभर में सभी वक्फ संपत्तियों का सर्वे किया गया। संजौली मस्जिद तब से वक्फ बोर्ड के पास है। 15 अगस्त, 1970 को केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें राज्य सरकार को संपतियों की मयूटेशन वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। वक्फ बोर्ड आज तक सरकार को संपत्तियों के मयूटेशन करने की गुहार लगा रहा है।