जबलपुर : संतों के सानिध्य में पांच दिवसीय रंगोत्सव पर निकाली गई समरस रंग यात्रा

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जबलपुर , 30 मार्च (हि.स.)। संस्कारधानी के इतिहास में ऐसा संभवत: पहली बार हुआ जब सन्यस्त-ग्रहस्थ, अमीर-गरीब, महिला-पुरुष, छोटे-बड़े, बच्चे-बूढ़े का भेद मिटा। सामाजिक सद्भाव और आपसी सौहाद्र के लिए काम कर रहे समरसता सेवा संगठन के अद्भुत होली मिलन का अभूतपूर्व नजारा रंगपंचमी पर शनिवार को देखने को मिला।

ब्रम्हचारी चैतान्यानंदजी स्वामी अशोकानंद जी,अध्यक्ष संदीप जैन “गुड्डा” महापौर जगतबहादुर सिंह अन्नू,अभिजात कृष्ण त्रिपाठी,आलोक पाठक(रामचरित मानस वेत्ता) के नेतृत्व में संगठन की अनूठी समरस शोभायात्रा में अपार जनसमूह उमड़ा। छोटा फुहारा से प्रारंभ शोभायात्रा का विराम डीएनजैन कॉलेज मैदान में रंगारंग आयोजनों के साथ हुआ। शोभायात्रा मार्ग पर पूरे रास्ते में बने लगभग 40 से अधिक स्वागत मंचों के द्वारा शोभायात्रा में शामिल संतों-महंतों सहित सभी जनों का स्वागत पुष्प वर्षा द्वारा किया जा रहा था। संतों सहित झांकियों में शामिल पात्र और आमजन एक दूसरे पर पुष्प वर्षा कर अनूठी होली खेल रहे थे। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। आकर्षक फाग, राई, कर्मा आदि लोकगीतों ने वातावरण में बरसाने की होली सा रंग घोल दिया।

शोभायात्रा में नगर के प्रबुद्धजन, राजनीतिज्ञ, कला-शिक्षा विद, व्यापारी, चिकित्सक सहित हर वर्ग के लोग शामिल हुए। इनमें संतों के आधा दर्जन से अधिक रथ, व्रज-वृंदावन-मथुरा आदि की होली झांकी, शिव दरबार झांकी, चैतन्य महाप्रभु की झांकी, राम-जानकी हनुमान की झांकी, फाग मंडली, भजन मंडली की झांकियों के अलवा बैंड-धमााल, डीजे, दुलदुल घोड़ी, श्याम बैंड मंडली, शेर डांस गु्रप, पंजाबी ढोल ग्रुप के साथ ही सभी संस्कृतियों का समावेश था। शोभयात्रा मार्ग में आमजन भी शोभायात्रा में शामिल होते गए और ऐतिहासिक रंगपंचमी के साक्षी बने। सर्व समाज ने इस यात्रा का स्वागत किया आयोजन में सभी वर्ग समाजों के सदस्यों के साथ लेखराज सिंह मुन्ना,रिंकू विज,उज्ज्वल पचौरी,धीरज अग्रवाल,श्रीकांत साहू उपस्थित थे।