संभल की जामा मस्जिद में नहीं होगी पेंटिंग या वार्निशिंग, हाईकोर्ट ने सिर्फ सफाई की दी इजाजत

6y91ew1uoj2embxf0qsykunhwewnyvhoksk3qeif

इलाहाबाद हाईकोर्ट में संभल स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें मस्जिद कमेटी ने मस्जिद पर रंग-रोगन और वार्निश कराने की अनुमति मांगी थी। इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने फिलहाल सिर्फ मस्जिद की सफाई की इजाजत दी है, लेकिन रंग-रोगन पर रोक लगा दी है। अदालत ने मस्जिद समिति से कहा कि वे मंगलवार तक अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।

 

मस्जिद कमेटी की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक सिविल पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी।

मस्जिद समिति की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक सिविल पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, जिसमें मस्जिद को रंगने और वार्निश करने की अनुमति मांगी गई। इस पर अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रिपोर्ट पेश करने को कहा।

एएसआई ने अदालत में अपनी संयुक्त सूचना रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि मस्जिद की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी भी तरह के रंग-रोगन या वार्निश की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद में ऐसी कोई संरचनात्मक समस्या नहीं है जिसके लिए मरम्मत या पेंटिंग की आवश्यकता हो।

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने मस्जिद समिति से साफ कहा कि इस समय वे सिर्फ सफाई का काम करा सकते हैं, लेकिन किसी तरह की रंगाई-पुताई नहीं करा सकते हैं और मस्जिद पक्ष को मंगलवार तक अपनी आपत्तियां दाखिल करने का अधिकार दिया गया है।

तीन सदस्यीय समिति को सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की गई है। मस्जिद कमेटी ने अपने आवेदन में पेंट और वार्निश की मांग की थी, लेकिन एएसआई रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया और फिलहाल इसे स्थगित कर दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन सदस्यीय समिति की देखरेख में संभल स्थित जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा कि इस समिति में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का एक विशेषज्ञ, एक वैज्ञानिक और जिला प्रशासन का एक अधिकारी शामिल होना चाहिए। इस समिति से सर्वेक्षण रिपोर्ट मांगी गई। इस रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने पेंट के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।