ऑस्ट्रेलिया के युवा ओपनर सैम कोंस्टास ने मेलबर्न में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में डेब्यू करते हुए शानदार अर्धशतक जड़ा। उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने प्रशंसकों का दिल जीत लिया। हालांकि, उनके खेल में टी20 स्टाइल शॉट्स की झलक ने क्रिकेट पंडितों को चिंतित कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज रॉडनी हॉग और विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने कोंस्टास की बल्लेबाजी शैली पर अपनी राय रखी है।
रॉडनी हॉग का कड़ा बयान: ‘स्लॉगर’ कहकर दी नसीहत
पूर्व टेस्ट गेंदबाज रॉडनी हॉग ने कोंस्टास की बल्लेबाजी पर खुलकर अपनी राय जाहिर की।
- बयान:
“कोंस्टास एक स्लॉगर हैं। टेस्ट क्रिकेट में टिके रहना है, तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी शैली बदलनी होगी।” - खेलने का तरीका:
उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में स्ट्राइक रेट मायने नहीं रखता, बल्कि सही तरीके से बल्लेबाजी करना और परिस्थितियों को समझकर खेलना महत्वपूर्ण है। - श्रीलंका दौरे की चुनौती:
हॉग ने कहा,
“श्रीलंका की स्पिन-फ्रेंडली पिचों पर राउंड शॉट खेलना मुश्किल होगा। वह अभी 2 टेस्ट मैचों में चर्चा का विषय हैं, लेकिन उन्हें लंबा टिकने के लिए अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना होगा।”
एलेक्स कैरी की टिप्पणी: ‘यह तरीका सही साबित नहीं होगा’
ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने भी कोंस्टास की बल्लेबाजी पर सवाल उठाए।
- बयान:
“कोंस्टास का खेल निश्चित रूप से चर्चा का विषय बनेगा। मुझे नहीं लगता कि उनकी मौजूदा शैली उन्हें टेस्ट क्रिकेट में लंबी सफलता दिला सकती है।” - बल्लेबाजों के अनुकूल पिचों पर फायदा:
कैरी ने कहा कि कोंस्टास बल्लेबाजों के लिए अनुकूल पिचों पर आक्रामक खेल दिखाकर विपक्षी टीमों को परेशान कर सकते हैं, लेकिन हर परिस्थिति में यह रणनीति काम नहीं करेगी।
बीजीटी डेब्यू में प्रदर्शन: आक्रामकता बनी कमजोरी
कोंस्टास ने अपने डेब्यू मैच में कुछ बेहतरीन शॉट्स खेले, लेकिन आड़े-तिरछे शॉट्स के चलते वह दोनों पारियों में बड़ी पारी नहीं खेल पाए।
- मेलबर्न टेस्ट:
- पहली पारी में अर्धशतक।
- आक्रामकता के चक्कर में आउट हुए।
- सिडनी टेस्ट:
- तेज खेलने की कोशिश में जल्दी पवेलियन लौट गए।
- दोनों पारियों में कोई खास योगदान नहीं दे सके।
कोंस्टास के लिए आगे की राह
कोंस्टास की बल्लेबाजी शैली ने फैंस और विशेषज्ञों को विभाजित कर दिया है।
- मजबूत पक्ष:
- तेज रन बनाने की क्षमता।
- आक्रामक शॉट्स से विपक्षी टीमों को दबाव में लाने का हुनर।
- कमजोर पक्ष:
- टेस्ट क्रिकेट की पारंपरिक तकनीक का अभाव।
- लंबे समय तक क्रीज पर टिकने की चुनौती।
श्रीलंका दौरे पर कठिन परीक्षा
ऑस्ट्रेलिया का अगला दौरा श्रीलंका है, जहां पिचें स्पिन के लिए जानी जाती हैं।
- रॉडनी हॉग और एलेक्स कैरी ने संकेत दिया कि कोंस्टास को अपनी तकनीक और शॉट चयन पर काम करना होगा।
- स्पिन-फ्रेंडली हालात में आक्रामक बल्लेबाजी उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है।