संजीव खन्ना देश के 51वें सीजेआई बन गये हैं. डीवाई चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद संजीव खन्ना ने आज राष्ट्रपति भवन में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस मौके पर पीएम मोदी भी मौजूद रहे. CJI का पद सबसे सर्वोच्च पद कहा जाता है. तो आइए जानते हैं सीजेआई की सैलरी कितनी होती है और उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिलती हैं।
CJI को कितनी सैलरी मिलती है?
न्याय विभाग के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को प्रति माह 2.50 लाख रुपये का वेतन दिया जाता है। लेकिन जब वह सीजेआई बनते हैं तो उनकी सैलरी 2.80 लाख रुपये हो जाती है. ऐसे में सीजेआई बनने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना की सैलरी 2.80 हजार रुपये हो जाएगी.
CJI को क्या सुविधाएं मिलती हैं?
देश के मुख्य न्यायाधीश को प्रति माह 2.80 लाख रुपये का वेतन और कई अन्य सुविधाएं मिलती हैं। सीजेआई को 45,000 रुपये का आतिथ्य भत्ता दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें साज-सज्जा भत्ते के रूप में 10 लाख रुपये की राशि मिलती है. देश के सीजेआई को टाइप 7 बंगले और 24*7 सुरक्षा मिलती है। इसके साथ ही नौकर, हेल्पर, ड्राइवर और क्लर्क की सुविधा भी उपलब्ध है। यदि मुख्य न्यायाधीश अपने कर्तव्यों के दौरान कहीं यात्रा करते हैं, तो उन्हें उसका खर्च भी दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें अपने वाहनों के लिए प्रति माह 200 लीटर ईंधन भी दिया जाता है.
शक्ति क्या है?
भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास कई महत्वपूर्ण शक्तियाँ हैं। जिसमें सीजेआई यह तय करते हैं कि कौन सा मामला किस जज को सौंपा जाना चाहिए। एक संवैधानिक पीठ का गठन करता है जो महत्वपूर्ण कानूनी मामलों की सुनवाई करती है। CJI सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करते हैं। मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिसमें कॉलेजियम सिस्टम की सिफ़ारिशें भी शामिल हैं. मुख्य न्यायाधीश महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन कर सकते हैं।