विदेश में फंसे भारतीयों के लिए मसीहा बनकर उभरे संत सिचेवल, 2024 में रूसी सेना से युवाओं की सुरक्षित वापसी एक बड़ी उपलब्धि

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सुल्तानपुर लोधी: विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए मसीहा बने संत बलबीर सिंह सीचेवाल

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल वर्ष 2024 में विदेशों में फंसे भारतीयों और खासकर असहाय बेटियों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं। विदेश में बेहतर रोजगार की तलाश में धोखेबाज एजेंटों के जाल में फंसे लोगों को बचाने के लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय के सहयोग से कई सराहनीय कार्य किए।

चाहे 24 साल से लेबनान में फंसे गुरतेज सिंह को बचाना हो या 12 साल से हांगकांग में फंसी बेटियों को वापस लाना, संत सीचेवाल ने हर पीड़ित परिवार की मदद की। उन्होंने मानव तस्करी का शिकार हुईं 28 से अधिक पंजाब की लड़कियों को भी दलालों के चंगुल से मुक्त कर सुरक्षित भारत वापस लाया।

रूसी सेना से युवाओं की वापसी में बड़ी भूमिका
संत सीचेवाल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं को वापस लाना रहा। जब फरवरी में यह मामला मीडिया में चर्चा का विषय बना, तो संत सीचेवाल ने इसे विदेश मंत्री एस. जयशंकर तक पहुंचाया। उनके प्रयासों से अधिकांश युवा सुरक्षित भारत लौट सके। खासकर, उत्तर प्रदेश के कन्हैया का शव, जो रूसी सेना में सेवा के दौरान मारे गए थे, सीचेवाल के प्रयासों से उनके परिवार तक पहुंचाया गया।

विदेशों में फंसे परिवारों को मिला सहारा
संत सीचेवाल ने उन परिवारों की भी मदद की, जिन्होंने विदेश में अपने प्रियजनों को खो दिया था। उन्होंने 17 पीड़ित परिवारों के लिए शव भारत वापस लाने की व्यवस्था की और उनका अंतिम संस्कार उनके परिवारों के साथ सुनिश्चित किया।

जागरूकता का संदेश
संत सीचेवाल ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को विदेश भेजने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। उन्होंने मानव तस्करी को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अरब देशों में बेटियों के तस्करी के मामलों में कमी आई है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल का यह योगदान मानवता की सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।