Sahibganj Airport Project : झारखंड को मिलने जा रहा है एक और नया एयरपोर्ट, संथाल परगना की तो किस्मत चमक गई

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News India Live, Digital Desk : अगर आप झारखंड के साहिबगंज (Sahibganj) या उसके आसपास के जिलों गोड्डा और पाकुड़ में रहते हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। देवघर एयरपोर्ट के सुपर-हिट होने के बाद अब सरकार का फोकस संथाल परगना के एक और अहम शहर यानी साहिबगंज पर है।

सुनने में आ रहा है कि साहिबगंज में एक नया एयरपोर्ट (Greenfield Airport) बनाने की कवायद तेज हो गई है। जी हाँ, वो साहिबगंज जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, राजमहल की पहाड़ियों और गंगा नदी के लिए जाना जाता है, अब हवाई नक्शे पर भी चमकने वाला है।

आइए, आसान शब्दों में समझते हैं कि सरकार का प्लान क्या है और इससे आपको क्या फायदा होगा।

सरकार ने कहा- "जमीन ढूंढिए"

हवाई अड्डा कोई छोटी-मोटी चीज़ तो है नहीं कि रातों-रात बन जाए। इसके लिए सबसे ज़रूरी है— ज़मीन। खबरों के मुताबिक, राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग (Civil Aviation Dept) ने साहिबगंज जिला प्रशासन को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें साफ कहा गया है कि एयरपोर्ट बनाने के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश तुरंत शुरू की जाए।

सिर्फ तलाश ही नहीं, बल्कि जमीन का सर्वे करके रिपोर्ट भी जल्दी भेजने को कहा गया है। इसका मतलब है कि सरकार सिर्फ बातें नहीं कर रही, बल्कि कागजों पर काम शुरू हो चुका है।

साहिबगंज ही क्यों? (Why Sahibganj)

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि साहिबगंज को ही क्यों चुना गया? इसके पीछे दो-तीन बड़े कारण हैं:

  1. मल्टीमॉडल हब: साहिबगंज में पहले से ही गंगा नदी पर बना 'मल्टीमॉडल टर्मिनल' (Waterways Port) मौजूद है। अगर यहाँ एयरपोर्ट बन गया, तो यह शहर जल, थल और नभ (Water, Land, Air)—तीनों रास्तों से जुड़ने वाला झारखंड का एक बड़ा व्यापारिक केंद्र बन जाएगा।
  2. टूरिज्म का खजाना: यहाँ राजमहल की पहाड़ियां और ऐतिहासिक धरोहरें हैं। पर्यटकों को लाने के लिए हवाई कनेक्टिविटी बहुत ज़रूरी है।
  3. पड़ोसी राज्यों से नजदीकी: साहिबगंज बिहार के कटिहार/भागलपुर और पश्चिम बंगाल के मालदा के बहुत करीब है। यहाँ एयरपोर्ट बनने से सिर्फ झारखंड नहीं, बल्कि इन दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों को भी फायदा मिलेगा।

अभी कैसा है सफर?

फिलहाल अगर साहिबगंज वालों को प्लेन पकड़ना हो, तो उन्हें घंटों का सफर तय करके देवघर (Deoghar) या फिर पश्चिम बंगाल के बागडोगरा या कोलकाता जाना पड़ता है। अपनी गाड़ी या ट्रेन से वहां तक जाना ही एक बड़ा टास्क है। अगर शहर में ही एयरपोर्ट बन गया, तो यह समय 4-5 घंटे से घटकर कुछ मिनटों का रह जाएगा।

भविष्य की तस्वीर

अभी तो यह शुरुआती दौर में है। पहले जमीन मिलेगी, फिर केंद्र सरकार की मंजूरी मिलेगी और तब जाकर काम शुरू होगा। लेकिन कहते हैं न, "हजार मील के सफर की शुरुआत पहले कदम से होती है।" यह पहला कदम उठा लिया गया है।

अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब आप रांची, पटना या दिल्ली के लिए अपने शहर से ही फ्लाइट पकड़ सकेंगे।

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