अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होता दिख रहा है। गुरुवार को एक यूक्रेनी अधिकारी ने पुष्टि की कि बीते दो दिनों में किसी भी ऊर्जा ठिकाने पर हमला नहीं किया गया है। यह सहमति तब बनी जब व्हाइट हाउस ने सऊदी अरब में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच एक समझौते की घोषणा की। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा अवसंरचना पर हमलों को रोकना था, जिस पर दोनों पक्षों ने अलग-अलग स्तर पर सहमति जताई।
रूस और यूक्रेन ने हमले रोकने पर जताई सहमति
व्हाइट हाउस के अनुसार, यूक्रेनी और रूसी नेतृत्व ने ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने के लिए ठोस उपायों को लागू करने पर सहमति जताई है।
एक वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि 25 मार्च के बाद से रूस ने यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं पर कोई हमला नहीं किया।
इसके जवाब में, यूक्रेन ने भी रूसी ऊर्जा स्थलों पर हमले नहीं किए।
अमेरिका ने कहा कि दोनों देशों ने काला सागर में भी सैन्य हमले रोकने पर सहमति जताई है।
हालांकि, मास्को ने अभी भी अपने कृषि निर्यात पर लगे प्रतिबंधों में ढील की मांग रखी है।
25 मार्च से कोई बड़ा हमला नहीं हुआ
यूक्रेनी अधिकारी ने कहा:
“25 मार्च के बाद से, हमने रूस की ओर से कोई बड़ा हमला नहीं देखा है। इसलिए, हमने भी उनके ऊर्जा ढांचों को निशाना नहीं बनाया।”
इससे पहले, 18 से 25 मार्च के बीच रूस ने कई बड़े हमले किए थे।
18 से 25 मार्च के बीच रूस ने किए थे 8 बड़े हमले
हालांकि, रूस ने इससे पहले यूक्रेनी ऊर्जा सुविधाओं पर कई आक्रमण किए थे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन कॉल पर 30 दिनों के लिए ऊर्जा अवसंरचना पर हमले रोकने की सहमति जताई थी।
लेकिन इसके बावजूद, 18 से 25 मार्च के बीच रूस ने यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं पर 8 हमले किए।
इन हमलों में:
2 बम धमाके हुए
6 ड्रोन अटैक हुए
यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि अब तक दोनों देशों ने अपने ऊर्जा ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन यह स्थिति कितनी देर तक बनी रहेगी, यह देखने वाली बात होगी।