भोपाल, 9 मार्च (हि.स.)। “राज्य शासन पारदर्शिता और सकारात्मक व्यवस्था के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में जन कल्याणकारी निर्णय लेना और उनका समय सीमा में क्रियान्वयन कराना हमारी कार्य नीति की प्राथमिकता बन चुका है। प्रशासनिक गतिरोध दूर कर, योजनाओं का लाभ जब समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगा, तभी सही मायने में ग्रामीण विकास होगा।
यह बात पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को उनके निज निवास में संवाद कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों से मंत्री पटेल ने प्रथम संवाद व भेंट की। इस दौरान विधायक भगवान दास सबनानी, सागर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संचालक सह आयुक्त केदार सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों द्वारा प्रशासनिक अवरोध दूर करने तथा विकास के कार्यों में सुगमता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
मंत्री पटेल ने जन-प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों को सुना एवं उन्हें आश्वासन दिया कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में सभी ने अपने अधिकारों की बात कही, लेकिन समाज के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है कि हम अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों की भी बात करें। आने वाले समय में ग्रामीण विकास नई कठिनाइयों का सामना करेगा। बढ़ती आबादी के साथ जब ग्रामीण क्षेत्र नगरीय क्षेत्र में परिवर्तित होंगे तो उन्हें इस परिवर्तन के लिए तैयार करना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस दिशा में ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट आदि विषयों पर हमें अभी से कार्य करना शुरू करना होगा। जमीन की उपलब्धता सीमित है लेकिन विकास की कोई सीमा नहीं होती। इसलिए निर्माण कार्यों में जमीन का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्यों का कुछ इस तरह पालन करना है कि हम संपूर्ण देश के लिए मिसाल कायम करें। हमें जनभागीदारी के साथ ग्रामीण विकास का एक आदर्श मॉडल तैयार करना है। ग्रामीण क्षेत्र आत्मनिर्भर बने और विकास में अपनी महती भूमिका निभाए यह सुनिश्चित करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
मंत्री पटेल ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वे दो दिवस की कार्यशाला का आयोजन लोकसभा चुनाव के बाद करेंगे। इस कार्यशाला में व्यापक रूप से जमीनी स्तर पर विकास को पहुंचाने के लिए विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आगे में हम भी इसी तरह से संवाद बनाए रखेंगे और सम्मिलित रूप से प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाएंगे।