राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बांग्लादेश में हालिया सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ती हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। संघ के शीर्ष निर्णायक मंडल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की बैठक के दूसरे दिन, बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया।
RSS का कड़ा बयान: हिंदुओं पर अत्याचार गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन
RSS ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा केवल राजनीतिक नहीं बल्कि एक सुनियोजित धार्मिक हमला है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदुओं पर अत्याचार दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
RSS के प्रस्ताव में कहा गया है:
“बांग्लादेश में हाल में हुए शासन परिवर्तन के दौरान हिंदू मठों, मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शैक्षणिक संस्थानों पर हमले हुए हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपमानित किया गया, हिंदुओं की हत्याएं की गईं, उनकी संपत्तियां लूटी गईं, महिलाओं का अपहरण और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।”
बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी घटी, अस्तित्व संकट में
ABPS ने इस बात पर भी चिंता जताई कि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी तेजी से घट रही है।
वर्ष | हिंदू आबादी (%) |
---|---|
1951 | 22% |
2024 | 7.95% |
संघ ने कहा कि हिंदू आबादी में गिरावट यह दर्शाती है कि वे अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं।
“भारत के खिलाफ साजिश रच रही अंतरराष्ट्रीय ताकतें” – RSS
RSS ने आरोप लगाया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियां भारत के पड़ोसी देशों को उसके खिलाफ खड़ा करने और इस क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।
संघ ने भारतीय रणनीतिकारों और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों से भारत विरोधी ताकतों और पाकिस्तान की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने और उन्हें बेनकाब करने का आह्वान किया।
RSS ने कहा:
“पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की एक साझा संस्कृति, इतिहास और सामाजिक जुड़ाव है। किसी भी देश में होने वाली उथल-पुथल पूरे क्षेत्र को प्रभावित करती है। सभी जागरूक नागरिकों को इस साझा विरासत को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।”
बांग्लादेश में हिंदुओं का साहसिक प्रतिरोध, अंतरराष्ट्रीय समर्थन जरूरी
संघ ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज ने इन अत्याचारों का शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और साहसिक प्रतिरोध किया है, जो सराहनीय है।
“भारत और दुनिया भर में हिंदू संगठनों ने इस हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा और सम्मान की मांग की। कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी इस मुद्दे को अपने स्तर पर उठाया है।”
RSS ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले को गंभीरता से लेने और बांग्लादेश सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालने की अपील की।
भारत सरकार से मांग: हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं
RSS ने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ एकजुटता दिखाई है और उनकी सुरक्षा की जरूरत को स्वीकार किया है।
“भारत सरकार ने यह मुद्दा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और कई वैश्विक मंचों पर उठाया है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा, सम्मान और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करे और बांग्लादेश सरकार के साथ निरंतर और सार्थक बातचीत करे।”