आरपीएससी फर्जी डिग्री मामला: कमला और ब्रह्मा कुमारी का दूसरा भाई भी पकड़ा गया

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अजमेर, 22 मार्च(हि.स)। राजस्थान लोक सेवा आयोग की हिंदी लेक्चरर भर्ती- 2022 में फर्जीवाड़े से मेरिट हासिल करने वाली दो युवतियों से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की पूछताछ जारी है। इस बीच एसओजी ने युवतियों को एमए की फर्जी डिग्री लाकर देने वाले दूसरे भाई को भी पकड़ लिया है।

फर्जी डिग्री दिलवाने वाले एक आरोपित सरकारी टीचर को एसओजी ने गुरुवार रात सांचौर से पकड़ा था तो दूसरा आरोपित शुक्रवार को जोधपुर से गिरफ्तार किया गया। इसमें से एक युवक दलपत सिंह सरकारी टीचर है। वहीं, दूसरा आरोपित डॉक्टर है। एसओजी ने अब मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार को लेकर भी जांच शुरू कर दी है। इस यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री ली गई थी।

जानकारी के अनुसार आयोग सचिव रामनिवास और परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता की रिपोर्ट पर एसओजी ने फर्जी डिग्री लगाकर एग्जाम देने वाली दो युवतियों कमला और ब्रह्माकुमारी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई थी। वरिष्ठ उप सचिव अजय सिंह चौहान ने भूतेल-साचौर निवासी ब्रह्माकुमारी पुत्री बाबूलाल और वाडा भावड़ी, साचौर निवासी कमला कुमारी पुत्री भारमल बिश्नोई के खिलाफ रिपोर्ट दी गई थी। इसमें बताया गया कि आरपीएससी ने 2022 में हिंदी स्कूल लेक्चरर एग्जाम आयोजित करवाया था। इसमें ऑनलाइन फॉर्म एप्लीकेशन में दोनों युवतियों ने फर्जी डिग्रियां प्रस्तुत की थी। 15 अक्टूबर 2022 को हिंदी स्कूल लेक्चरर एग्जाम का आयोजन किया गया था। यह परीक्षा दो पारियों में आयोजित हुई। पहली पारी सुबह 9 बजे से साढ़े 10 बजे तक सामान्य ज्ञान और दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक हिंदी विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद 14 जून 2023 को रिजल्ट घोषित किया गया था। ब्रह्माकुमारी और कमला कुमारी की एग्जाम में 7वीं और 36वीं रैंक थी। अभ्यर्थी कमला कुमारी बिश्नोई ने ऑनलाइन आवेदन के समय एमए (हिन्दी) की वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा की डिग्री दी थी। लेकिन नियुक्ति के समय मेवाड़ विश्वविद्यालय गंगरार, चित्तौड़गढ़ की डिग्री लगाई थी।

इसी तरह ब्रह्माकुमारी ने भी फर्जी डिग्री पेश की। दोनों ही अभ्यर्थियों को 31 जुलाई से 14 अगस्त तक डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था, लेकिन दोनों नहीं आई। बुधवार को जब दोनों आईं तो यहां से इनको सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने मामला एसओजी को सौंप दिया। एसओजी ने दोनों अभ्यर्थियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, गुरुवार को कमला के भाई दलपत सिंह और ब्रह्माकुमारी के भाई सुरेश बिश्नोई को शुक्रवार को जोधपुर से गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी युवतियों को फिलहाल एसओजी ने सात दिन की रिमांड पर ले रखा है। उनसे मिली जानकारी के आधार पर अन्य संदिग्धों की भी तलाश की जा रही है। जांच अधिकारियों के अनुसार पेपरलीक और फर्जी डिग्री मामलों में जिन 90 आरोपियों की तलाश की जा रही है उनमें 70 सांचौर जिले के हैं।