राजद कार्यकर्ताओं ने जाति आरक्षण को लेकर किया धरना प्रदर्शन

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किशनगंज,28नवंबर(हि.स.)। राजद जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कमरुल हुदा के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अम्बेडकर टाउन हॉल के समीप जाती आरक्षण को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। राजद का यह धरना प्रदर्शन बिहार के 38 जिलों में किया जा रहा है। जिसमें अनुसूचित जाती, जनजाति, अतिपिछड़ा तथा पिछड़ा को 65% आरक्षण लागू करने हेतु राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया। राजद जिलाध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार और बिहार की राज्य सरकार अपनी संविधान विरोधी सोच और मानिसिकता पर जिस प्रकार का काम कर रही है उससे लग रहा है कि सरकार धूर्तता से काम कर रही है। सरकार आरक्षण कोटे को समाप्त कर रही है और नौकरियों में दलित-बहुजनों एवं अतिपिछड़ों का आरक्षण समाप्त करना चाह रही है। राष्ट्रीय जनता दल पूर्व की भांति इन वर्गों की लड़ाई लड़ता रहेगा और मुक्कमल अंजाम तक ले जायेगा। उन्होंने कहा कि जब बिहार में तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे तो वादे के अनुरूप उनके पहल पर जातिगत सर्वेक्षण में जातियों की समाजिक आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया।

उच्च न्यायालय में जब यह मामला चल रहा था तो राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और इसकी लड़ाई ठीक ढंग से नहीं लड़ी जिसके कारण उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी तो राष्ट्रीय जनता दल ने सर्वोच्च न्यायालय में पेटीशन दाखिल किया। वंचित लोगों की हक एवं हकुक की लड़ाई के लिए राजद का एक-एक कार्यकर्त्ता अपनी जान की बाजी लगाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा माध्यकालीन व्यवस्था लागु कर धर्म के आधार पर वर्गीकरण कर दलितों-बहुजनों और आदिवासियों को निचले पायदान पर लाकर रखना सरकार का उद्देश्य है। राजद का कहना है कि यह देश सभी का है। वस्त्र, भोजन और धर्म का फर्क हो सकता है लेकिन हम हमेशा एक थे और एक रहेंगे। यही हमारी अनेकता में एकता की पहचान है। दलितों, वंचितों एवं अतिपिछड़ों की आरक्षण को बचाने एवं बढ़ाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। राष्ट्रीय जनता दल मांग करती है कि बिहार में बढ़ी हुई आरक्षण सीमा को जल्द से जल्द लागू करें और केन्द्र की भाजपा सरकार इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करें।