कोलकाता, 20 अगस्त (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में बताया कि वह कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल के खिलाफ की गई विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को हटा देंगे। यह पोस्ट उन्होंने राज्य संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई भयानक बलात्कार और हत्या की घटना के संदर्भ में की थी, जिसमें कमिश्नर की हिरासत में पूछताछ की मांग की गई थी।
कोलकाता पुलिस ने रॉय के खिलाफ कथित रूप से गलत जानकारी फैलाने के लिए दो नोटिस जारी किए थे, जिसके बाद इस दिग्गज नेता ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई, जिसमें गिरफ्तारी शामिल है, से सुरक्षा की मांग की।
मंगलवार को जब इस मामले की सुनवाई हुई, तो रॉय के वकील ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि उनके मुवक्किल ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर की गई विवादित पोस्ट को हटाने पर सहमति व्यक्त की है। इसके बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि चूंकि रॉय ने पोस्ट हटाने पर सहमति जताई है, इसलिए पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी और मामला बंद कर देगी।
रिपोर्ट लिखे जाने के समय तक रॉय के एक्स अकाउंट पर वह पोस्ट दिखाई नहीं दे रही थी। माना जा रहा है कि उन्होंने उस विवादित पोस्ट को पहले ही हटा दिया है।
इस बीच, इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में एक रिपोर्ट बुधवार तक कोर्ट में प्रस्तुत करे।
उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को कोलकाता पुलिस ने रॉय को पूछताछ के लिए पहला नोटिस जारी किया था, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता को उसी दोपहर शहर पुलिस मुख्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था। रॉय ने समन को नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद उसी शाम पुलिस ने राज्यसभा सांसद को एक नया नोटिस जारी किया, जिसके बाद रॉय ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
इस बीच, मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एकमात्र गिरफ्तार आरोपित संजय रॉय के खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध के पिछले मामलों की जानकारी जुटाने का काम शुरू किया है।
सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान सीबीआई को संजय रॉय, जो एक नागरिक स्वयंसेवक है, द्वारा कई बार महिलाओं के उत्पीड़न या यौन शोषण के मामलों की जानकारी मिली है। हालांकि, उन पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई।
जांच अधिकारी अब रॉय के “गॉडफादरों” का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके संरक्षण में उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई। रॉय के नशे की हालत में ड्यूटी पर रहने के भी रिकॉर्ड मौजूद हैं।
संजय रॉय को पहले कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो इस डॉक्टर बलात्कार और हत्या के मामले की जांच कर रही थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया।