बालाघाट, 27 जून (हि.स.)। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने गुरुवार को राजस्व विभाग की समीक्षा की। बैठक में राजस्व विभाग से सम्बंधित विभिन्न बिन्दुओ पर विस्तार से समीक्षा करते हुए टीएल बैठक के लिए मार्क किये आवेदनों पर ज्यादा जोर दिया। साथ ही समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की समस्याओं के निराकरण को ज्यादा समय दें।
कलेक्टर डॉ. मिश्रा जनसुनवाई के अलावा अन्य माध्यमों जैसे समाचार पत्रों की कटिंग व समय समय पर नागरिकों द्वारा प्रदान की गई शिकायतों को टीएल मार्क कर समय सीमा में निराकरण में जानकारी लेते है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक में भी टीएल में मार्क किये गए प्रकरणों की जानकारी ली। कुल 173 मार्क किये गए आवेदनों में 53 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। बैठक में अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे, एसडीएम गोपाल सोनी, लांजी एसडीएम प्रदीप कौरव, परसवाड़ा एसडीएम कमल सिंहसार, आरआर पांडे व समस्त राजस्व अधिकारी मौजूद रहे।
स्वामित्त्व योजना और सीएम हेल्पलाइन भी रही प्राथमिकता
राजस्व बैठक में कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने नागरिकों की समस्या निवारण माध्यमों पर ज्यादा फोकस रहा। टीएल में मार्क आवेदनों के अलावा सीएम हेल्पलाइन और स्वामित्व योजना के सम्बंध में भी विशेष जोर दिया। स्वामित्व योजना और सीएम हेल्पलाइन के मामले में एसडीएम लांजी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी तरह बिरसा और खैरलांजी तहसीलदारों को भी प्रगति संतोषजनक नहीं होने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। साथ ही टीएल के पत्र के मामले में पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
29 पटवारियों का एक दिन का वेतन कट
कलेक्टर डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा ने सायबर तहसील के तहत होने वाले कार्य में देरी करने पर विभिन्न तहसीलों के 30 पटवारियों पर कार्रवाई की है। इसमें 29 की एक दिन का वेतन कांटा गया है, जबकि 1 पटवारी को निलंबित किया गया है। निलंबित पटवारी शारदा भलावी रामपायली सायबर तहसील के तहत होने वाले कार्य में रामपायली के 6 और रेंगाझरी के 4 नामांतरण प्रकरणों में 10 दिनों की समय सीमा में प्रस्तुत नही कर पायी। निलम्बन अवधि में उनका मुख्यालय एसडीएम कार्यालय बालाघाट निर्धारित किया गया है। इसी तरह 29 पटवारियों को उनके क्षेत्र में आने वाले हल्के के गांवों के नामांतरण प्रकरणों में 10 दिनों की समय सीमा में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था। लेकिन यह कार्य वे समय सीमा में नही कर पाए। पटवारियों के इस कृत्य के लिए मप्र सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के नियम-3 सामान्य (1) (2) (3) के विपरीत माना गया। जो पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही व स्वेच्छाचारिता दर्शाता है। इसके लिए जून माह से एक दिन की वेतन कटौती करने के आदेश जारी किए है। साथ ही भविष्य के लिए सचेत भी किया है।
खैरलांजी के सबसे अधिक 8 और बिरसा के 6 पटवारी
कलेक्टर डॉ. मिश्रा द्वारा की गई कार्यवाही में सबसे अधिक खैरलांजी के 8 पटवारी शामिल है। इसमें एरवाघाट के अंकित गंगभोज, टटेकसा के देमनसिंह मर्सकोले, खैरी के ओगेश उइके, बेनी के ओमप्रकाश राणा, चुटिया के स्नेहल मर्सकोले, कन्हाटरटोला के वीणा रावडे, भानपुर के विनीत नागवंशी एवं सालेबर्डी के विशाल शेंडे शामिल है। वहीं बिरसा के 6 पटवारियों में जानपुर के धम्मप्रिय मेश्राम, बखारीकोना बिठली के हेमंत धुर्वे, डोंगरिया की प्रज्ञा मेश्राम, डोमरिया के रंजीत सैय्याम, दमोह की रश्मि साण्डिया एवं बहेरभाटा के उज्ज्वल चौधरी शामिल है। इसके अलावा परसवाड़ा तहसील से कुरेंडा डोरली के नरेंद्र सिंह मेरावी, लोटमारा के राहुल मेश्राम तथा झिरीया के सिद्धार्थ बडोले। तहसील किरनापुर से पल्हेरा के लोकेश भारद्वाज व अकोला के प्रशांत घोरमारे, बालाघाट से ऑवलाझरी के अचल साव व नेवरगांव के योगेश मेश्राम, लालबर्रा से मुरझड़ के भानुप्रताप ठाकरे, कनकी के मनोज चौधरी व मांझापुर लवादा के विवेक चौधरी, वारासिवनी से बुदबुदा के पुरूषोत्तम शरणागत व रेंगाटोला के रंजीत भाई हाडगे, कटंगी से कोडमी के भुपेंद्र कुमार पारधी, तहसील लांजी से टेकेपारा के कुमेंद्र भोयर तथा लामता से पादरीगंज के अरूनेश कृष्णा चौबे का एक दिन का वेतन कांटा गया है।