हिमाचल प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। हिमाचल हाईकोर्ट ने चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। इसके तहत अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही रिटायर किया जाएगा। इतना ही नहीं, 60 साल की उम्र से पहले रिटायर किए गए कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 60 वर्ष से पहले सेवानिवृत्त नहीं होंगे
दरअसल, हिमाचल प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में व्यवस्था की थी कि 10 मई 2001 के बाद नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इस अधिसूचना को विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने 112 याचिकाओं का निपटारा करते हुए मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर ही सेवानिवृत्त किया जाए। जिन कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु से पहले सेवानिवृत्त किया गया है, उन्हें वापस बुलाया जाए।
60 वर्ष से पहले सेवानिवृत्त होने वालों को राहत
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 10 मई 2001 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को भी 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर रिटायर कर दिया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो 60 वर्ष की आयु से पहले रिटायर हो गए हैं उन्हें नौकरी पर वापस बुलाया जाए, ऐसे कर्मचारियों को भी 60 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाए। कोर्ट ने उन कर्मचारियों को भी राहत दी है जो 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण बहाल नहीं हो सकते। कोर्ट ने ऐसे रिटायर कर्मचारियों को उनकी पेंशन से मुआवजे के तौर पर 2 साल का वेतन काटकर देने का आदेश दिया है।
60 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी मिलेगा लाभ
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अंतरिम आदेश के मद्देनजर 58 साल के बाद भी अपनी सेवाएं जारी रख रहे हैं, वे 60 साल की आयु तक काम करेंगे, जिन्हें अंतरिम आदेश नहीं मिले हैं, वे अपनी सेवाएं बहाल होने के बाद 60 साल की आयु तक काम करेंगे और जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 60 साल की आयु पूरी कर चुके हैं, उन्हें 58 साल के बाद दो साल तक वित्तीय लाभ का भुगतान किया जाएगा। बता दें कि राज्य में करीब 19 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं।