देश में खुदरा महंगाई (CPI Inflation) के मोर्चे पर एक बड़ी राहत की खबर आई है। फरवरी 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.61% पर आ गई है, जो पिछले 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक,
- जनवरी 2025 में यह दर 4.26% थी, जबकि
- फरवरी 2024 में यह 5.09% थी।
महंगाई में आई इस गिरावट की मुख्य वजह सब्जियों और प्रोटीन युक्त उत्पादों (मांस, मछली, अंडे, दाल, दूध आदि) की कीमतों में कमी बताई जा रही है।
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रेपो रेट में कटौती की उम्मीद बढ़ी
महंगाई दर में आई इस गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अप्रैल 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कटौती करने का रास्ता खुल सकता है।
बता दें कि RBI ने फरवरी 2025 में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25% की कटौती की थी।
सरकार ने RBI को खुदरा मुद्रास्फीति को 4% (±2%) के भीतर रखने का लक्ष्य दिया है। ऐसे में, अगर महंगाई इसी तरह काबू में रहती है, तो RBI अगली बैठक में लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
खाद्य मुद्रास्फीति में भी बड़ी गिरावट
NSO के आंकड़ों के मुताबिक,
- फरवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति दर 3.75% रही, जो मई 2023 के बाद सबसे कम है।
- जनवरी 2025 की तुलना में खाद्य मुद्रास्फीति में 2.22% की गिरावट दर्ज की गई।
महंगाई घटने की मुख्य वजहें:
सब्जियों की कीमतों में कमी
मांस, मछली और अंडों की कीमतों में गिरावट
दालों और दूध के उत्पादों की कीमतें भी घटीं
औद्योगिक उत्पादन (IIP) में उछाल
महंगाई में कमी के साथ ही देश के औद्योगिक उत्पादन (IIP) में भी सुधार देखने को मिला।
- जनवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन में 5% की बढ़ोतरी हुई।
- जनवरी 2024 में यह 4.2% थी, जबकि
- दिसंबर 2024 के 3.2% के अनुमान को संशोधित कर 3.5% कर दिया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन में यह उछाल देखने को मिला।