रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल लोन ऑपरेशंस में गड़बड़ी पर एनबीएफसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल लोन ऑपरेशंस से जुड़े गंभीर अनियमितताओं को लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (X10 Financial Services Ltd) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। यह कंपनी मुंबई से ऑपरेट करती थी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स व मोबाइल ऐप्स के माध्यम से लोन उपलब्ध कराती थी।

आरबीआई के इस कदम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह वित्तीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दिशानिर्देशों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे पहले भी आरबीआई कई बैंकों और एनबीएफसी पर पेनाल्टी लगाने और लाइसेंस रद्द करने जैसे कड़े कदम उठा चुका है।

डिजिटल लोन के लिए इस्तेमाल हो रहे थे ये सर्विस प्रोवाइडर

एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने अपने लोन वितरण के लिए विभिन्न थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी कर रखी थी। इनमें शामिल प्रमुख नाम हैं:

  • Wecash Technology
  • XNP Technology
  • Yarlung Technology
  • Xinrui International
  • Omelette Technology
  • Mad-Elephant Network Technology
  • Huidatech Technology

इन सर्विस प्रोवाइडर्स के माध्यम से कंपनी डिजिटल लोन ऑपरेशंस को संचालित कर रही थी।

आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन

आरबीआई ने बताया कि एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने डिजिटल लोन ऑपरेशंस के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। मुख्य रूप से, कंपनी ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्यों को थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स को आउटसोर्स कर दिया था:

  1. क्रेडिट मूल्यांकन (Credit Appraisal): यह लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया का मुख्य हिस्सा है।
  2. ब्याज दर निर्धारण (Fixing of Rate of Interest): कंपनी ने इसका नियंत्रण भी अपने हाथों से बाहर कर दिया।
  3. ‘अपने ग्राहक को जानें’ सत्यापन (KYC Verification): यह एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसे कंपनी ने उचित तरीके से संचालित नहीं किया।

इतना ही नहीं, कंपनी सर्विस प्रोवाइडर्स की जांच और उनके संचालन पर निगरानी रखने में भी विफल रही।

कंपनी का बैकग्राउंड और रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्णय

एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को पहले अभिषेक सिक्योरिटीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। इसे जून 2015 में एनबीएफसी के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र (CoR) जारी किया गया था।

हालांकि, कंपनी द्वारा लगातार दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और ग्राहकों के हितों को खतरे में डालने के कारण आरबीआई ने अब इसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद, यह कंपनी अब एनबीएफसी के रूप में किसी भी प्रकार का व्यवसाय नहीं कर सकती।

डिजिटल लोन क्षेत्र में आरबीआई का सख्त रुख

डिजिटल लोन क्षेत्र में अनियमितताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में सख्त कदम उठाए हैं। इसका उद्देश्य न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है, बल्कि उन कंपनियों पर नकेल कसना भी है जो पारदर्शिता और नियामक मानकों का उल्लंघन करती हैं।

डिजिटल लोन ऑपरेशंस में आरबीआई का यह कड़ा कदम वित्तीय क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आरबीआई ने एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर कार्रवाई क्यों की?
आरबीआई ने कंपनी पर डिजिटल लोन ऑपरेशंस में अनियमितताओं और थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स के माध्यम से दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के कारण कार्रवाई की।

एक्स10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड क्या अब लोन दे सकती है?
नहीं, रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद यह कंपनी अब एनबीएफसी के रूप में व्यवसाय नहीं कर सकती।

आरबीआई ने किन क्षेत्रों में गड़बड़ी पाई?
आरबीआई ने क्रेडिट मूल्यांकन, ब्याज दर निर्धारण और ‘अपने ग्राहक को जानें’ सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अनियमितताओं को पाया।

डिजिटल लोन ऑपरेशंस में आरबीआई के दिशानिर्देश क्या हैं?
आरबीआई के दिशानिर्देशों में पारदर्शी लोन प्रक्रिया, ग्राहकों का सही सत्यापन और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा शामिल है।

क्या यह कार्रवाई अन्य एनबीएफसी के लिए चेतावनी है?
हां, यह कार्रवाई सभी एनबीएफसी के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन करें और उपभोक्ताओं के हितों को प्राथमिकता दें।

आरबीआई का अगला कदम क्या हो सकता है?
आरबीआई लगातार डिजिटल लोन क्षेत्र की निगरानी कर रहा है और अन्य अनियमितताओं पर भी सख्त कदम उठाने की संभावना है।