असम के दीमा हसाओ जिले में सोमवार शाम से 300 फीट गहरे कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है। खदान में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बचाव कार्य और चुनौतीपूर्ण हो गया है। मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक मजदूर की मौत की पुष्टि की।
खदान में बढ़ता पानी का स्तर बना बड़ी चुनौती
खदान में पानी का स्तर मंगलवार को 100 फीट तक पहुंच गया, जिससे खतरा और बढ़ गया है।
- मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं।
- भारतीय नौसेना के गोताखोरों को विशाखापत्तनम से बुलाया गया है ताकि ऑपरेशन में तेजी लाई जा सके।
बचाव कार्य में कई एजेंसियां शामिल
पानी का स्तर अचानक बढ़ने के बाद तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
- भारतीय सेना, असम राइफल्स, और स्थानीय अधिकारी मजदूरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
- सेना और असम राइफल्स के इंजीनियरों की टास्क फोर्स पानी निकालने और फंसे मजदूरों की तलाश में लगी हुई है।
हालांकि, अब तक खदान में फंसे मजदूरों का कोई पता नहीं चल पाया है।
खदान में फंसे मजदूरों की पहचान
फंसे हुए मजदूरों के नाम:
- गंगा बहादुर श्रेठ
- हुसैन अली
- जाकिर हुसैन
- सर्पा बर्मन
- मुस्तफा शेख
- खुशी मोहन राय
- संजीत सरकार
- लिजान मगर
- सरत गोयरी
डी-वाटरिंग पंप और हेलीकॉप्टर की मदद
- खदान से पानी निकालने के लिए दो वाटर पंपिंग मशीनें लगाई गई हैं।
- मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि एसडीआरएफ के डी-वाटरिंग पंप उमरंगशु से रवाना हो चुके हैं।
- ओएनजीसी का डी-वाटरिंग पंप कुंभीग्राम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर लोड है, लेकिन इसे तैनाती के लिए मंजूरी का इंतजार है।
अवैध खदान पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह खदान अवैध रूप से संचालित हो रही थी।
- इस घटना की जांच के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- बचाव कार्य तेज करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई की जाएगी।