नई दिल्ली: देश में जब लोकसभा चुनाव का माहौल गरम है, ऐसे में आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है और सरकार के लिए फील गुड फैक्टर भी महसूस किया जा रहा है. मार्च 2024 में खुदरा महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर 4.85 फीसदी पर आ गई, जो फरवरी 2024 में 5.09 फीसदी थी. इससे पहले मई 2023 में महंगाई दर 4.31 फीसदी के निचले स्तर पर थी. खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से खुदरा महंगाई दर में कमी आई है. वहीं, फरवरी में औद्योगिक उत्पादन बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंच गया.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की खुदरा महंगाई दर मार्च में गिरकर 4.85 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने से 0.24 फीसदी की गिरावट दर्शाती है. फरवरी 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी और मार्च 2023 में 5.66 फीसदी थी. इससे पहले मई 2023 में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर 4.31 के स्तर पर थी. इस प्रकार, मार्च 2024 में मुद्रास्फीति की दर 4.85 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 में फूड बास्केट में महंगाई दर घटकर 8.52 फीसदी हो गई, जो फरवरी 2024 में 8.66 फीसदी थी. आंकड़ों के मुताबिक अंडे, मसालों और दालों की महंगाई दर में मासिक आधार पर कमी आई है. हालांकि, फरवरी के मुकाबले मार्च में फलों और सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई. इसके अलावा पिछले महीने जूतों की कीमत में भी गिरावट आई है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च में शहरी महंगाई दर 4.78 फीसदी से घटकर 4.14 फीसदी हो गई है. हालाँकि, इस समय ग्रामीण मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई थी। ग्रामीण मुद्रास्फीति फरवरी 2024 में 5.34 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 में 5.45 प्रतिशत हो गई। इसी तरह मार्च में सब्जियों की महंगाई दर बढ़कर 28.34 फीसदी हो गई है, जो फरवरी 2024 में 30.25 फीसदी थी. इसके अलावा दाल की कीमत 18.90 फीसदी से घटकर 17.1 फीसदी हो गई.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए उपायों के अच्छे परिणाम मिले हैं। वर्तमान में, खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य सीमा 4 से 6 प्रतिशत के भीतर है। आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है.
महंगाई दर गिरने के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर भी सरकार को अच्छी खबर मिली है. भारत का औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2024 में चार महीने के शिखर 5.7 फीसदी पर पहुंच गया है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खनन क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन के कारण यह बढ़ोतरी देखी गई। फरवरी 2023 में IIP 6 फीसदी दर्ज किया गया था. इससे पहले अक्टूबर 2023 में IIP 11.9 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था. 2023-24 की अप्रैल-फरवरी अवधि में IIP ग्रोथ रेट 5.9 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 5.6 फीसदी थी.