नेशनल पिस्टल शूटिंग के कोच समरेश जंग के सिविल लाईंस मकान को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

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नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल पिस्टल शूटिंग के कोच समरेश जंग के सिविल लाईंस मकान को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा कि ये मकान समरेश जंग के परिवार को लीज पर मिला था, इसलिए इस मकान पर याचिकाकर्ता को कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

याचिका समरेश जंग के भाई समीर जंग ने दायर की थी। याचिका में 01 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें खैबर पास मार्केट के 32 एकड़ में रह रहे सभी निवासियों को अनाधिकृत कब्जा बताते हुए उसे खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। समरेश जंग भी उसी मकान में रह रहे थे जहां उनके परिवार वालों को करीब 60-70 साल पहले उप किरायेदार के रूप में रहने की अनुमति मिली थी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील रोहित यादव और साहिल सिद्दीकी ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता को इस नोटिस को जारी करने से पहले अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि समरेश जंग ने देश के लिए खेल में कई पदक जीते हैं और उन्हें हटाया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये सुनने में काफी बुरा लग रहा है लेकिन तथ्य कुछ और हैं। वहां कार्रवाई शुरु हो चुकी है और कुछ मकानों को ध्वस्त भी किया जा चुका है। ऐसे में कोई निरोधात्मक आदेश जारी करना मुश्किल होगा।

सुनवाई के दौरान लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस की ओर की से पेश वकील ने कहा कि शूटिंग कोच ने देश के लिए जरुर कुछ किया होगा लेकिन ये एक सार्वजनिक भूमि है और इस पर कोई निरोधात्मक आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता इस भूमि पर कोई कानूनी अधिकार नहीं जता सकता है। वहां दूसरे मकानों को भी हटाया जा चुका है।