नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। तीस हजारी कोर्ट के जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास चतिंदर सिंह ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कथित अपमानजनक बयान के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को खरगे के खिलाफ साक्ष्य दर्ज कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर साक्ष्य में तथ्य होंगे तो जांच के आदेश दिए जाएंगे। अब मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च, 2025 को होगी।
संघ से जुड़े रविंद्र गुप्ता ने दायर याचिका में कहा है कि मल्लिकार्जुन खरगे ने 27 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और संघ के बारे में अपमानजनक बयान दिए। खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। बाद में उन्होंने कहा कि उनका बयान प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं, बल्कि संघ और भाजपा के खिलाफ था। याचिकाकर्ता की ओर से वकील गगन गांधी ने कहा कि संघ से जुड़े होने के नाते याचिकाकर्ता मल्लिकार्जुन खरगे के बयानों से आहत है। इस मामले में कोर्ट ने सब्जी मंडी पुलिस थाने को एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सब्जी मंडी थाने की पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बयान कर्नाटक में दिए गए हैं और वो सब्जी मंडी थाने के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
कोर्ट ने कहा कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत कोर्ट का विशेषाधिकार ये देखना नहीं है कि अपराध संज्ञेय है या नहीं, बल्कि ये देखना है कि पुलिस की जांच की जरूरत है या नहीं। इसलिए एफआईआर दर्ज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता को शिकायत के पक्ष में साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया।