Record GST Collection:चुनाव के बीच मोदी सरकार का खजाना हुआ लबालब, जीएसटी ने रचा इतिहास, पहली बार कलेक्शन 2 लाख करोड़ के पार

लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने अप्रैल 2024 के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं और यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. नए वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन के मामले में देश ने इतिहास रच दिया है. जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में जीएसटी कलेक्शन अब तक का सबसे ज्यादा 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा.

पहली बार 2 लाख करोड़ का आंकड़ा पार किया

जीएसटी संग्रह, जिसने पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, ने अप्रैल महीने में कुल राजस्व में साल-दर-साल 12.4 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, शुद्ध आय (रिफंड के बाद) 1.92 लाख करोड़ रुपये रही और साल-दर-साल 17.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल 2024 के कुल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 43,846 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 53,538 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 99,623 करोड़ रुपये और उपकर 13,260 करोड़ रुपये शामिल हैं।

 

इससे पहले यह रिकॉर्ड अप्रैल 2023 में बना था

अप्रैल में रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह से पहले, मार्च में भी जीएसटी से सरकारी खजाना भरा हुआ था। मार्च 2024 में मासिक आधार पर 1.78 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ. अब तक के सबसे बड़े जीएसटी कलेक्शन की बात करें तो यह भी पिछले साल अप्रैल 2023 में दर्ज किया गया था, जब जीएसटी से सरकारी खजाना 1.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल जीएसटी कलेक्शन 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 से 0.18 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है, जब जीएसटी कलेक्शन 20 लाख करोड़ रुपये था. घटित

 

जीएसटी डेटा

देश में साल 2017 में जीएसटी लागू हुआ था

गौरतलब है कि जीएसटी 01 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. आजादी के बाद यह देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है. इससे अप्रत्यक्ष करों की कई जटिलताएँ दूर हो गईं। इस नई व्यवस्था से वैट, एक्साइज ड्यूटी (कई वस्तुओं पर) और सर्विस टैक्स जैसे 17 टैक्स खत्म हो गए हैं. छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने 40 लाख रुपये सालाना टर्नओवर वाले व्यवसायों को जीएसटी के दायरे से छूट दे दी है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करते समय कहा गया था कि इससे न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों को भी राजस्व के मोर्चे पर फायदा होगा.

आपको बता दें कि जीएसटी की अवधारणा पहली बार 2000 में पेश की गई थी, और हमारे देश के लिए एक अनूठा मॉडल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। जीएसटी विधेयक के उचित मसौदे पर विशेषज्ञों की सिफारिशें और राजनीतिक सहमति प्राप्त करने में 17 साल का लंबा समय लग गया। संसद के दोनों सदनों ने अंततः 2016 तक इसे पारित कर दिया। राष्ट्रपति की सहमति और राज्य सरकारों द्वारा अनुसमर्थन के बाद, जीएसटी अधिनियम, 2017 अधिनियमित किया गया था।