एनआरआई को मतदान अधिकार देने की सिफारिश, प्रॉक्सी वोटिंग और ई-बैलट का प्रस्ताव

Pti03 21 2025 000135b 0 17430462

एक उच्च स्तरीय संसदीय समिति ने गैर-निवासी भारतीयों (NRI) को मतदान का अधिकार देने की सिफारिश की है। समिति ने इसके लिए प्रॉक्सी वोटिंग और इलेक्ट्रॉनिक बैलट (ई-बैलट) जैसे विकल्पों को अपनाने की सलाह दी है, जिससे विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें। यह मामला वर्तमान में कानून मंत्रालय के पास विचाराधीन है।

संसदीय समिति की सिफारिशें

विदेश मामलों की संसदीय समिति, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस नेता शशि थरूर कर रहे हैं, जल्द ही प्रवासी भारतीयों पर अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा नियमों के तहत, एनआरआई को भारत आकर ही मतदान करना होता है, जिससे उनकी चुनावी भागीदारी सीमित हो जाती है।

समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को एनआरआई की परिभाषा को स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि विभिन्न कानूनों में इसका अलग-अलग अर्थ निकाला जाता है।

एनआरआई मतदान के लिए प्रस्तावित समाधान

  1. प्रॉक्सी वोटिंग: एनआरआई अपने स्थान पर भारत में किसी विश्वसनीय व्यक्ति को मतदान करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं।

  2. इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम (ETPBS): ई-बैलट के जरिए एनआरआई अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।

  3. कानूनी संशोधन की जरूरत: समिति ने कहा कि इसके लिए 1950 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन करना होगा और विभिन्न राजनीतिक दलों से परामर्श लेना आवश्यक होगा।

वर्तमान स्थिति और आगे की राह

  • 2010 में कानून संशोधन के बाद एनआरआई को मतदान का सीमित अधिकार दिया गया था।

  • 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले लगभग 1.2 लाख एनआरआई मतदाता पंजीकृत थे, लेकिन 2019 के आम चुनावों में केवल 2,958 प्रवासी भारतीयों ने मतदान किया।

  • समिति ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को तेज करे।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस सिफारिश पर क्या निर्णय लेती है और एनआरआई को मतदान का अधिकार देने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।