कनाडा पर मंदी की मार: एक महीने में 800 से ज्यादा कंपनियां डिफॉल्ट हुईं

ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश इस वक्त मंदी की चपेट में हैं। जापान तो मंदी से बाल-बाल बच गया, लेकिन अब कनाडा मंदी में है। कनाडा में दिवालियापन के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस साल जनवरी महीने में 800 से ज्यादा कंपनियां दिवालिया होने के लिए आवेदन कर चुकी हैं। 2023 में कनाडा में दिवालियापन दाखिलों में भी 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। कनाडा में दिवालियापन के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की संख्या पिछले 13 वर्षों में सबसे अधिक है। कोरोना काल में कंपनियों को 45-45 हजार डॉलर का ब्याज मुक्त लोन दिया गया, जिसके चुकाने की समय सीमा जनवरी, 2024 में पूरी हो गई। कनाडा की जीडीपी में छोटी कंपनियों की हिस्सेदारी लगभग 33 प्रतिशत है।

पिछले साल कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया. दोनों देशों ने एक दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. दोनों देशों के बीच विवाद पिछले सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद से शुरू हुआ था.

शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रूडो के बीच हुई बैठक में मोदी ने ट्रूडो से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा. हालांकि, जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद कनाडा लौटते ही ट्रूडो काफी आक्रामक नजर आए. उन्होंने भारत पर कनाडा की राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया. उन्होंने निज्जर की हत्या का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक था और भारत ने उसे मार डाला।

वर्तमान में कितने देश मंदी में हैं?

ब्रिटेन समेत कुल 8 देश इस वक्त मंदी के दौर में हैं, जिनमें डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, लक्जमबर्ग, मोल्दोवा, पेरू और आयरलैंड शामिल हैं। इनमें से 6 यूरोप से हैं। इस सूची में अफ़्रीका और उत्तरी अमेरिका का कोई देश नहीं है. जापान मंदी से बाल-बाल बच गया है. जर्मनी समेत कई अन्य देशों पर भी मंदी का ख़तरा मंडरा रहा है. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है. चीन में भी हालात खराब होते जा रहे हैं. अमेरिका का कर्ज़ भी लगातार बढ़ता जा रहा है और जीडीपी के 125 फीसदी को पार कर गया है.