पाकिस्तान के बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को बनाया बंधक, सेना अब तक नाकाम

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया है। यह घटना मंगलवार दोपहर की है, लेकिन अब तक पाकिस्तानी सुरक्षा बल ट्रेन को छुड़ाने में नाकाम रहे हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बल सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं, लेकिन वे अब तक ट्रेन तक नहीं पहुंच पाए हैं।

104 यात्रियों ने खुद को बचाया, सेना का कोई योगदान नहीं

इस घटना के दौरान ट्रेन में सवार बच्चों और महिलाओं समेत कुल 104 यात्रियों ने किसी तरह पास के एक स्टेशन तक पहुंचकर खुद को बचाया। इन यात्रियों ने बताया कि बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने ही उन्हें रिहा किया और चेतावनी दी कि पीछे मुड़कर न देखें। यात्रियों के अनुसार, उनकी रिहाई में पाकिस्तानी सेना या सुरक्षा बलों की कोई भूमिका नहीं थी।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जाफर एक्सप्रेस में करीब 400 से ज्यादा यात्री मौजूद थे। इसके अलावा, कई पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के जवान भी ट्रेन में थे, जिन्हें विद्रोहियों ने बंधक बना लिया है।

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ट्रेन के ड्राइवर पर सीधा हमला, पूरी ट्रेन पर कब्जा

अब तक की जानकारी के अनुसार, विद्रोहियों ने सबसे पहले ट्रेन के ड्राइवर पर सीधा हमला किया, जिससे ट्रेन रुक गई। इसके बाद विद्रोहियों ने सभी बोगियों पर कब्जा जमा लिया। यह घटना बलूचिस्तान के बोलन दर्रे के पास ढाडर इलाके में हुई, जो रणनीतिक रूप से काफी संवेदनशील है।

इस क्षेत्र में सेना के लिए ऑपरेशन चलाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि यह तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा है और चौथी ओर एक संकरी सुरंग है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उन्होंने अब तक 16 विद्रोहियों को मार गिराया है, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, डॉन अखबार के अनुसार अब तक कितने यात्रियों को मार दिया गया है, इसकी भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन के ड्राइवर समेत कम से कम 10 लोग मारे जा चुके हैं और एक दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मी भी विद्रोहियों का शिकार बन चुके हैं।

सेना का दावा गलत, यात्रियों ने खुद को बचाया

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 104 यात्रियों की रिहाई को लेकर स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। यह नहीं कहा जा सकता कि वे खुद भागने में सफल हुए या सेना के किसी ऑपरेशन का हिस्सा थे। पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी का कहना है कि विद्रोही यात्रियों को “ह्यूमन शील्ड” की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा बल कोई बड़ा कदम उठाने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को सीधे फायरिंग करने में संकोच हो रहा है, क्योंकि इससे बंधकों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।

एक किलोमीटर दूर रुकी पाक सेना, कार्रवाई में नाकाम

पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बलों ने बीती रात ट्रेन पर कब्जा वापस लेने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वे असफल रहे। सेना ने ट्रेन से एक किलोमीटर की दूरी पर अपना बेस बना लिया है और जेट विमान, गनशिप हेलिकॉप्टर और ड्रोन तैनात किए हैं।

बलूच विद्रोहियों ने इससे पहले छोटे पैमाने पर हमले किए थे, लेकिन पहली बार उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को बंधक बनाया है। पहले वे सिर्फ पंजाबी मूल के लोगों को निशाना बनाते थे, लेकिन इस बार उन्होंने पूरी ट्रेन हाईजैक कर ली है, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।