सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा, राष्ट्रपति बशर अल असद ने छोड़ा देश, हालात गंभीर

Syria Chemical Weapon

नई दिल्ली: सीरिया में राजनीतिक संकट और तख्तापलट के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने देश पर नियंत्रण कर लिया है। राष्ट्रपति बशर अल असद ने अपने परिवार के साथ रूस में शरण ले ली है। इस बीच, मोहम्मद अल बशीर को तीन महीने के लिए सीरिया का नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल जोलानी ने सत्ता संभालते ही कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है।

जोलानी ने किया केमिकल हथियारों पर कब्जा

तख्तापलट के बाद दुनिया को सबसे बड़ा डर इस बात का था कि सीरिया के रासायनिक हथियारों का क्या होगा। राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़ने के बाद विद्रोही दल ने इन हथियारों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल जोलानी ने आश्वस्त किया है कि वे किसी भी हाल में इन हथियारों का उपयोग नहीं करेंगे। उनका कहना है कि ये हथियार उनके संरक्षण में सुरक्षित रहेंगे और वे इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से भी चर्चा करेंगे।

रासायनिक हथियारों की सुरक्षा का वादा

जोलानी ने स्पष्ट किया है कि देश में स्थित केमिकल हथियारों के डिपो की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इन हथियारों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और उनकी सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार रासायनिक हथियारों के गैर-उपयोग को सुनिश्चित करेगी ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।

टेक्नोलॉजी को मिलेगी प्राथमिकता

अबू मोहम्मद अल जोलानी ने सीरिया में नई सरकार के निर्माण को लेकर कहा कि उनकी प्राथमिकता टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है। उनका लक्ष्य है कि सीरिया में एक ऐसी सरकार बने जो आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ कदमताल कर सके। उन्होंने कहा कि देश के पुनर्निर्माण और विकास के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अनिवार्य है और वे इसे प्राथमिकता देंगे।

दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा

रविवार को विद्रोही दल तहरीर अल-शाम (HTS) ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से ही सीरिया के हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। अब विद्रोहियों का नियंत्रण होम्स, इदलिब, अलेप्पो, हामा, दर्रा, और राजधानी दमिश्क समेत कई प्रमुख शहरों में फैल चुका है। विद्रोहियों ने इन सभी जगहों पर अपने झंडे गाड़ दिए हैं, जिससे देश में सत्ता परिवर्तन का संकेत साफ हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

सीरिया में तख्तापलट और विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है। खासकर रासायनिक हथियारों के विद्रोहियों के हाथ लगने से वैश्विक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, जोलानी के आश्वासन के बाद कुछ राहत मिली है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।


सीरिया के भविष्य पर अनिश्चितता

इस राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सीरिया का भविष्य अनिश्चितता से भरा हुआ है। राष्ट्रपति बशर अल असद के जाने के बाद देश में स्थिरता लौटेगी या नहीं, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। विद्रोहियों के फैसले और उनकी नीतियां आने वाले दिनों में सीरिया की दिशा तय करेंगी।