भारत में अब घरेलू एयरलाइन कंपनियों को उड़ान और लैंडिंग के दौरान रियल-टाइम मौसम की जानकारी साझा करनी होगी। यह डेटा सीधे भारतीय मौसम विभाग (IMD) को दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाना है।
रियल-टाइम डेटा से मिलेगा फायदा
मौसम विभाग फिलहाल देशभर में 50-60 स्थानों से वेदर बैलून के जरिए तापमान, उमस, और हवा की गति जैसी जानकारियां जुटाता है। हालांकि, यह डेटा कुछ घंटे पुराना होता है। अब, रियल-टाइम डेटा मिलने से मौसम विभाग को तुरंत और विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिससे पूर्वानुमान में सुधार होगा।
हर दिन 6000 फ्लाइट्स बनेंगी डेटा स्रोत
देश में हर दिन लगभग 6000 घरेलू उड़ानें होती हैं। इन उड़ानों के जरिए विभिन्न लोकेशंस से रियल-टाइम मौसम का डेटा साझा किया जाएगा। इससे मौसम विभाग के पास विभिन्न स्थानों का व्यापक और सटीक डेटा होगा, जो मौसम अनुमान को मजबूत बनाएगा।
उड्डयन और भूगर्भ विज्ञान मंत्रालय का सहयोग
भूगर्भ विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया कि इस परियोजना को लागू करने के लिए उड्डयन मंत्रालय के साथ बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह योजना लागू हो जाएगी।
सटीक पूर्वानुमान की नई दिशा
रविचंद्रन ने कहा कि मौसम अनुमान जितना अधिक रियल-टाइम डेटा पर आधारित होगा, उतना ही सटीक होगा। देश के बढ़ते एयरपोर्ट नेटवर्क और बढ़ती उड़ानों के साथ, अलग-अलग स्थानों से मिलने वाले डेटा से मौसम विभाग का पूर्वानुमान और अधिक विस्तृत और सटीक बनेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर योजना
इस योजना से न केवल विमान संचालन को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तनों के पूर्वानुमान में भी सुधार होगा। रविचंद्रन ने इसे “एग्जिट पोल” की तरह बताया, जहां ज्यादा डेटा सटीक परिणाम सुनिश्चित करता है।
यह कदम भारत में मौसम विज्ञान और विमानन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।