RBI Monetary Policy Meeting: रिजर्व बैंक ने आज शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा की. इसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह बैठक बुधवार को शुरू हुई थी. एक्सपर्ट्स का पहले से ही मानना था कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. बैठक में MPC ने 4-2 के बहुमत से रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है. यह 11वीं बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. एसडीएफ रेट भी 6.25% और एमएसएफ रेट 6.75% पर बरकरार है.
रेपो रेट में कोई बदलाव न होने का क्या असर होगा?
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से लोगों को महंगे लोन से राहत नहीं मिलेगी। अगर रेपो रेट कम होता तो बैंक लोगों को कम ब्याज दर पर लोन देते। महंगाई को देखते हुए उम्मीद थी कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कमी करेगा।
सीआरआर में कमी
बैठक में कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) पर भी फैसला लिया गया। इसे 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया है। यानी इसमें 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। हालांकि, यह कटौती 25-25 बेसिस प्वाइंट की दर से दो बार की जाएगी। पहली कटौती 14 दिसंबर से और दूसरी कटौती 28 दिसंबर से प्रभावी होगी।
एमपीसी क्या है?
एमपीसी मौद्रिक नीति से जुड़े फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। इसकी अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास करते हैं। इस समिति में गवर्नर समेत कुल छह सदस्य होते हैं। दास के मौजूदा कार्यकाल की यह आखिरी एमपीसी बैठक है। उनका कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है। रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है।
शेयर बाज़ार में गिरावट
एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से शेयर बाजार में गिरावट आई। सुबह 10:15 बजे सेंसेक्स 167.32 अंक गिरकर 81,598.54 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी में भी गिरावट आई। निफ्टी 57.45 अंक गिरकर 24,650.95 पर पहुंच गया। इससे पहले शुक्रवार सुबह बाजार की शुरुआत हरे निशान पर हुई थी।