आरबीआई ने सीआरआर घटाकर 4 फीसदी किया, बैंकों के लिए 1.16 लाख करोड़ रुपये होंगे उपलब्ध

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मुंबई/नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने संभावित नकदी संकट को कम करने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 फीसदी की कटौती कर चार फीसदी कर दिया है। इससे बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यहां मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 फीसदी और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर तथा बैंक दर 6.75 फीसदी पर कायम रहेगी। शक्तिकांत दास ने कहा कि त्‍योहारों के दौरान मुद्रा के चलन में उल्लेखनीय वृद्धि और पूंजी निकासी के बावजूद बैंकिंग सिस्‍टम में पर्याप्त नकदी मौजूद है, लेकिन कर भुगतान, चलन में उपलब्ध मुद्रा में वृद्धि तथा पूंजी प्रवाह में अस्थिरता से आने वाले महीनों के दौरान बैंकों में नकदी कम हो सकती है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि संभावित नकदी संकट को ध्यान में रखते हुए सभी बैंकों के सीआरआर को शुद्ध मांग एवं सावधि देयताएं (एनडीटीएल) यानी बैंकों के पास कर्ज देने के लिए मौजूद धनराशि के चार फीसदी तक कम करने का निर्णय लिया गया है, जो 0.25 फीसदी की दो बराबर किश्तों में क्रमश: 14 दिसंबर और 28 दिसंबर से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होंगी।