भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को जल्द ही नया गवर्नर मिलने जा रहा है। वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर को RBI के 26वें गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का दूसरा कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
संजय मल्होत्रा के पास 30 साल से अधिक का अनुभव है, और वह आर्थिक नीतियों को लेकर आम सहमति बनाने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के सफल क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाई है।
संजय मल्होत्रा: एक अनुभवी और योग्य नेतृत्व
1. 30 वर्षों का व्यापक अनुभव
संजय मल्होत्रा का कार्यकाल विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिसमें शामिल हैं:
- बिजली (Power Sector)
- वित्त (Finance)
- टैक्सेशन (Taxation)
- पब्लिक पॉलिसी (Public Policy)
वह ऐसे समय में RBI की कमान संभाल रहे हैं, जब भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी और महंगाई की दोहरी चुनौती से जूझ रही है।
2. शिक्षण और योग्यता
- आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन
- प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से पब्लिक पॉलिसी में पोस्ट-ग्रेजुएशन
उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और व्यावसायिक अनुभव उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।
आर्थिक चुनौतियों का सामना
1. धीमी आर्थिक वृद्धि
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चिंताजनक स्थिति में है। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.4% पर आ गई, जो पिछले 7 तिमाहियों में सबसे कम है।
2. बढ़ती महंगाई
अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर 6.21% के स्तर पर पहुंच गई, जो पिछले 14 महीनों का रिकॉर्ड है।
RBI के नए गवर्नर पर महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक वृद्धि को संतुलित करने का दबाव होगा। केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी है कि CPI आधारित महंगाई दर को 4% (±2%) के दायरे में रखा जाए।
रेपो रेट में कटौती का दबाव
1. ब्याज दरों को लेकर सरकार का रुख
हाल के दिनों में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उच्च ब्याज दरों पर चिंता जताई है। उनका मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
2. संजय मल्होत्रा का दृष्टिकोण
संजय मल्होत्रा को एक टीम प्लेयर माना जाता है। उनका मानना है कि महंगाई को नियंत्रित करना सिर्फ RBI की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसके लिए सरकार की भी भूमिका महत्वपूर्ण है।
मल्होत्रा के वित्त मंत्रालय में योगदान
1. नई टैक्स व्यवस्था का क्रियान्वयन
संजय मल्होत्रा ने नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाई। उनका यह कदम करदाताओं को ज्यादा विकल्प और लचीलापन देने के उद्देश्य से उठाया गया था।
2. वित्तीय सेवा विभाग में नेतृत्व
- फरवरी 2022 में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव बने।
- उन्होंने RBI निदेशक मंडल में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर काम किया।
3. अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं
- REC (Rural Electrification Corporation) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रहे।
- राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं।
- विभिन्न मंत्रालयों में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने खनिज, सूचना एवं प्रसारण, ऊर्जा, और वाणिज्यिक कराधान विभागों में भी काम किया।
मल्होत्रा के सामने मुख्य चुनौतियां
1. आर्थिक स्थिरता और विकास
मल्होत्रा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती होगी आर्थिक विकास को रफ्तार देना, जबकि महंगाई को नियंत्रण में रखा जाए।
2. नीतिगत दरों में संतुलन
उच्च ब्याज दरें व्यवसायों और उपभोक्ताओं पर दबाव डालती हैं। ऐसे में, उन्हें रेपो रेट में कटौती और आर्थिक स्थिरता के बीच संतुलन बनाना होगा।
3. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता और वैश्विक मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। मल्होत्रा को इन चुनौतियों का समाधान करना होगा।