नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए नियमों का पालन न करना ओला फाइनेंशियल सर्विसेज, मणप्पुरम फाइनेंस और वीजा प्राइवेट लिमिटेड को भारी पड़ा है। केंद्रीय बैंक ने नियामक उल्लंघन के लिए तीनों फिनटेक कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया है। सबसे ज्यादा जुर्माना वीजा पर लगाया गया है। कंपनी को 2.4 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा।
ओला फाइनेंशियल सर्विसेज पर 87.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी पर केवाईसी प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए 33.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, भुगतान और निपटान प्रणाली से जुड़े प्रावधान का अनुपालन नहीं करने के कारण 54.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
मणप्पुरम फाइनेंस को देना होगा 41.50 लाख रुपये का जुर्माना
रिजर्व बैंक ने मणप्पुरम फाइनेंस पर 41.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मणप्पुरम फाइनेंस पर यह जुर्माना केवाईसी नियमों का पालन न करने के कारण लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि मणप्पुरम फाइनेंस केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) पर उसके द्वारा जारी प्रावधानों का उचित तरीके से पालन करने में विफल रही। इसके चलते आरबीआई ने जुर्माना लगाने का फैसला किया है।
वीजा को देना होगा 2.4 करोड़ रुपये का जुर्माना
रिजर्व बैंक ने बहुराष्ट्रीय भुगतान प्रसंस्करण कंपनी वीज़ा प्राइवेट लिमिटेड पर 2.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वीज़ा पर रिजर्व बैंक से विनियामक अनुमोदन के बिना भुगतान प्रमाणीकरण समाधान लागू करने का आरोप था। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड कंपनी को कुछ वाणिज्यिक भुगतान करने के लिए अनधिकृत मार्गों का उपयोग बंद करने का आदेश दिया था।
अनुपालन का आश्वासन
वीज़ा ने आरबीआई की कार्रवाई के बाद एक बयान में कहा कि वह उन सभी देशों के अनुपालन दिशा-निर्देशों, विनियमों और स्थानीय नियमों का सम्मान करता है और उनका पूरी तरह से पालन करता है, जहां वह काम करता है। वीज़ा के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम आरबीआई के आदेश को स्वीकार करते हैं और भारत में सुरक्षित भुगतान समाधान प्रदान करना जारी रखने के लिए आरबीआई के दिशानिर्देशों और विनियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”