भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ऑस्ट्रेलिया के लिए गेम चेंजर साबित हुए। उनका मानना है कि अगर बोलैंड टीम में नहीं होते, तो ऑस्ट्रेलिया सीरीज गंवा देती। अश्विन ने बताया कि उनकी राउंड द विकेट गेंदबाजी ने भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “सभी कहते हैं कि पैट कमिंस ने सीरीज में बहुत अच्छा किया, लेकिन वह बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए। ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली रहा कि स्कॉट बोलैंड टीम में शामिल हो गए। अगर बोलैंड नहीं खेलते, तो भारत सीरीज जीत जाता। जोश हेजलवुड भी शानदार गेंदबाज हैं, लेकिन यदि वे पुराने गेंदबाजी यूनिट के साथ खेलते, तो हम जीत गए होते। बोलैंड की राउंड-द-विकेट गेंदबाजी हमारे बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए एक प्रमुख फैक्टर थी।”
स्कॉट बोलैंड ने सिर्फ तीन मैच खेले, लेकिन पूरी सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। उन्होंने सीरीज में विराट कोहली को चार बार आउट किया और तीन मैचों में कुल 21 विकेट लिए। अंतिम टेस्ट में उन्होंने 10 विकेट भी झटके। वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज रहे।
अश्विन ने कहा, “सिडनी में अंतिम सत्र तक सीरीज में रोमांच था, और यह एक शानदार सीरीज थी। ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम दिन तक लड़ाई करते हुए सीरीज जीती।”
ऑस्ट्रेलिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांचवें टेस्ट मैच में जीत दर्ज की और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को 3-1 से अपने नाम किया। यह ऑस्ट्रेलिया की 10 साल बाद इस ट्रॉफी पर वापसी है। स्कॉट बोलैंड को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का अवार्ड मिला, जबकि जसप्रीत बुमराह को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ के खिताब से नवाजा गया।