फर्जी राशन कार्ड अपडेट: कोविड महामारी की बात हो या उसके बाद, राशन कार्ड पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुफ्त राशन का लोगों को खूब फायदा मिला है। लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल भी किया है। अब सरकार ने उन सभी फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कार्ड के सत्यापन के जरिए देशभर में 5.8 करोड़ राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में कई बदलाव किए गए हैं। सभी राशन कार्डों का डिजिटलीकरण कर दिया गया है। वहीं मंत्रालय ने बताया कि राशन कार्डों के सत्यापन के लिए आधार कार्ड से मिलान के साथ ही केवाईसी यानी ग्राहक की पहचान की प्रक्रिया का भी पालन किया गया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के डिजिटलीकरण से लाभ
सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को डिजिटल बनाने से फर्जी कार्डधारकों को हटाया जा सकेगा। मंत्रालय की ओर से दिए गए बयान में बताया गया कि 80.6 करोड़ लाभार्थियों को सेवा प्रदान करने वाली पीडीएस प्रणाली में सुधार के तहत आधार और इलेक्ट्रॉनिक ई-केवाईसी प्रणाली के जरिए सत्यापन से 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्ड हटाए जा सकेंगे।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इन प्रयासों के कारण वितरण प्रणाली में अनियमितताएं काफी हद तक कम हो गई हैं। जानकारी के अनुसार, लगभग सभी 20.4 करोड़ राशन कार्ड डिजिटल हो चुके हैं। इनमें से 99.8 प्रतिशत आधार से जुड़े हैं और 98.7 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान बायोमेट्रिक्स के जरिए सत्यापित की जा चुकी है।
98 प्रतिशत अनाज आधार के माध्यम से वितरित किया जा रहा है
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों पर ई-पीओएस उपकरण लगाए गए हैं, जिसके जरिए अनाज वितरण के समय लाभार्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। सही व्यक्ति को राशन मिले, इसके लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘आज कुल अनाज का करीब 98 फीसदी हिस्सा आधार सत्यापन के जरिए वितरित किया जा रहा है।’ सरकार का मानना है कि इससे फर्जी लोगों को सिस्टम से हटाने में काफी मदद मिली है।
केवल 64 प्रतिशत राशन कार्डों का ही सत्यापन हुआ है
राशन व्यवस्था में आधार कार्ड के जरिए फर्जी राशन कार्ड धारकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ई-केवाईसी के जरिए सिर्फ 64 फीसदी कार्डों का ही सत्यापन हो पाया है। बाकी लाभार्थियों के कार्डों के सत्यापन का काम अभी भी जारी है। आशंका है कि कुछ और फर्जी राशन कार्ड हो सकते हैं। सत्यापन पूरा होने तक फर्जी राशन कार्डों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं सरकारी मंत्रालय ने खाद्यान्न की समय पर आपूर्ति को लेकर कहा है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खाद्यान्न को सही जगह भेजने के लिए आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली लागू की है, जिसमें खाद्यान्न आपूर्ति की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए रेलवे के साथ एकीकृत वाहन निगरानी प्रणाली भी शामिल है। ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना ने पूरे देश में राशन कार्डों की ‘पोर्टेबिलिटी’ को संभव बनाया है।