फतेहाबाद, 10 जून (हि.स.)। रतिया नगर पालिका में रिवाइज बजट को लेकर सोमवार को रखी गई विशेष मीटिंग में पहुंचे 14 पार्षदों ने नगर पालिका अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मीटिंग से वॉक आउट कर दिया और बजट मीटिंग छठी बार भी रद्द हो गई। मीटिंग में नगर पालिका प्रधान प्रीति खन्ना, उप प्रधान जोगिंदर नंदा, सचिव पंकज जून, लेखाकार मनजीत कौर, कनिष्ठ अभियंता हवा सिंह सहित 14 पार्षद मौजूद थे।
मिली जानकारी के अनुसार रतिया नगर पालिका का बजट पास करने के लिए आज छठी बार पार्षदों की मीटिंग रखी गई थी।
इससे पहले पांच बार मीटिंग कभी अधिकारियों के न आने कभी पार्षदों के न आने के कारण स्थगित कर दी गई थी। आज जब मीटिंग शुरू हुई तो उसमें रतिया के 17 वार्ड पार्षदों में से 14 वार्ड पार्षद मीटिंग में पहुंच गए। जब वार्ड पार्षदों ने अधिकारियों से मीटिंग का एजेंडा मांगा तो सभी पार्षदों को मीटिंग का एजेंडा उपलब्ध करवाया गया। एजेंडा को पढक़र सभी पार्षदों में रोष पैदा हो गया।
पार्षदो ने आरोप लगाया कि नगर पालिका अधिकारी ने कुछ ठेकेदारों के साथ भ्रष्टाचार करने के लिए बुढलाड़ा रोड पर बनाए गए सामुदायिक केंद्र में रिपेयर के लिए 30 लाख रुपए बजट में पास करना चाहते हैं जबकि सामुदायिक केंद्र का पहले भी लाखों रुपए खर्च कर कई बार रिपेयर करवाई गई है लेकिन उसके हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा।
नगर पालिका द्वारा वाहनों की रिपेयर के लिए 30 लाख रुपए खर्च दिखाया गया जबकि रतिया नगर पालिका के पास मात्र दो ट्रैक्टर ट्राली ही है और 30 लाख रुपए खर्च दिखाया जाना भ्रष्टाचार को दावत देता है जबकि विकास कार्यों के लिए मात्र 4.30 करोड रुपए का ही बजट रखा गया है, जिस पर पार्षदों में रोष पैदा हो गया और उन्होंने नगर पालिका अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
पार्षदों का कहना है कि नगर पालिका के अधिकारी उन्हें मीटिंग से पूर्व बजट के बारे में कोई भी जानकारी नहीं देते और फर्जी बिल पास करवा कर धांधली करना चाहते हैं। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधायक लक्ष्मण नापा ने पिछले साल पार्षदों को एकजुट कर बजट मीटिंग पास करने के लिए पार्षदों का आपसी समझौता करवाया था और कहा था कि बजट पास होने के बाद रतिया नगर पालिका द्वारा 13 करोड़ के विकास कार्य करवाए जाएंगे। पार्षदों ने आरोप लगाया कि बजट पास किए जाने के बाद 1 साल भी जाने के बाद भी नगर पालिका द्वारा किसी वार्ड में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया गया।
13 करोड़ रुपए का जो बजट पास किया गया था, उसकी राशि कथित रूप से फर्जी बिल बनाकर खुर्द बर्द कर दी गई।
जब पार्षदों द्वारा नगर पालिका अधिकारियों से 13 करोड रुपए के पिछले बजट का हिसाब किताब मांगा जाता है तो किसी भी पार्षद को कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं करवाया जाता। रतिया नगर पालिका के पास करीबन 26 करोड रुपए विकास कार्यों के लिए आए हुए हैं लेकिन नगर पालिका द्वारा कोई विकास कार्य नहीं करवाया जा रहा। सभी पार्षदों ने नगर पालिका अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मीटिंग से वॉक आउट कर दिया इसके बाद नगर पालिका अधिकारियों ने मीटिंग को स्थगित कर दिया।