रतन टाटा की निधन से बस्तर के टाटा स्टील प्लांट की विदाई से नुकसान की याद हुई ताजा : दिनेश पनीग्राही

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जगदलपुर, 10 अक्टूबर (हि.स.)। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश पनीग्राही ने कहा कि देश के सबसे पुराने उद्याेगपति घरानों में से एक टाटा समूह के प्रमुख पद्मविभूषण रतन टाटा के निधन से पूरा देश दुखी है, जिनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मन के साथ किया जाना उनके द्वारा देश के लिए दिये गये याेगदान काे दर्शाता है। टाटा समूह भारत के औद्योगिक विकास के लिए एक मील का पत्थर के रूप में जाना जाता है। पद्मविभूषण रतन टाटा के निधन से बस्तर के टाटा स्टील प्लांट की विदाई से नुकसान की याद आज ताजा हुई, जिसे लेकर बस्तर का बुद्धिजीवी वर्ग आज बस्तर से टाटा स्टील काे वापस लाैटा दिये जाने से हुए नुकासन की चर्चा करते हुए रतन टाटा काे याद कर रहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश पनीग्राही ने कहा कि बस्तर जिले के लाेहंडीगुड़ा क्षेत्र में टाटा स्टील प्लांट के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद टाटा समूह अपना काम आगे बढ़ा रहा था। लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी एवं कांग्रेस के द्वारा एक मात्र विधानसभा सीट पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसका विराेध किया गया। इसके बाद कांग्रेस के तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा टाटा स्टील प्लांट को विदा कर देना यह बस्तर के औद्योगिक विकास ही नहीं पूरे बस्तर के लिए बहुत बड़ी क्षति है, जिसे किसी भी रूप में नकारा नहीं जा सकता है। आज रतन टाटा के निधन पर बस्तर में स्थापित होने वाले टाटा स्टील प्लांट की विदाई का दर्द फिर से सामने आ गया। इस याद को रतन टाटा के साथ जोड़ना प्रासंगिक होगा कि यदि बस्तर में टाटा स्टील प्लांट स्थापित हो जाता तो आज बस्तर का विकास औद्योगिक क्षेत्र की दिशा में अग्रसर होता। बस्तर के लोगों को इसका बहुत बड़ा लाभ होता, लेकिन राजनैतिक लाभ के लिए टाटा स्टील प्लांट को कांग्रेस के द्वारा तिलांजलि देने से बस्तर को जो नुकसान हुआ है इसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है।

उन्हाेंने कहा कि टाटा समूह अपने आप में भारत के विकास के लिए बड़ा योगदान देने के रूप में जाना जाता है। ऐसे औद्योगिक समूह को बस्तर में स्थान मिलना चाहिए, बस्तर में पुन: टाटा स्टील प्लांट सहित अन्य औद्योगिक कारोबार के लिए टाटा समूह को आमंत्रित कर इसकी संभावना पर भाजपा की साय सरकार को पुनः काम करना चाहिए। इसके लिए भाजपा को भले ही एक विधानसभा सीट या राजनीतिक रूप से कुछ हानि हो जाए लेकिन इससे पीछे नहीं हटना चाहिए। बस्तर में औद्योगिक विकास के असीम संभावनाएं हैं जिसे देखते हुए टाटा स्टील प्लांट के लिए संभावना को तलाशना अति आवश्यक है।