Ranchi Bulldozer Action : 50 परिवारों के सिर से छिन गई छत, आंसुओं और मलबे के बीच प्रशासन का बुलडोजर राज

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News India Live, Digital Desk : एक घर बनाने में पूरी उम्र गुज़र जाती है, लेकिन उसे तोड़ने के लिए बस एक बुलडोजर और प्रशासन का एक आदेश ही काफी होता है। Ranchi में पिछले कुछ घंटों में जो नज़ारा देखने को मिला, वो किसी का भी दिल दहलाने के लिए काफी है। यहाँ प्रशासन का पीला पंजा (Bulldozer) इस कदर चला कि देखते ही देखते 50 से ज्यादा हंसते-खेलते घर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए।

घटनास्थल पर अफरा-तफरी, रोते-बिलखते बच्चे और बदहवास महिलाएं बस यही मंजर था। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर रांची के किस इलाके में यह कार्रवाई हुई और अचानक प्रशासन इतना सख्त क्यों हो गया।

कहां हुआ यह एक्शन?

खबरों के मुताबिक, यह पूरा मामला रांची के बिरसा चौक और उसके आस-पास के अतिक्रमण वाले इलाकों का बताया जा रहा है (अक्सर रेलवे या एचईसी की जमीन पर ऐसी कार्रवाई होती है)। जिला प्रशासन की टीम, भारी पुलिस बल (Heavy Police Force) के साथ सुबह-सुबह मौके पर धमक पड़ी।

लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जब तक वे अपनी गृहस्थी का सामान बाहर निकाल पाते, बुलडोजर ने अपना काम शुरू कर दिया था।

"हम कहाँ जाएं साहब?"

सबसे दर्दनाक पहलू यह था कि जब घर तोड़े जा रहे थे, तब लोग अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहे थे।
"साहब, छोटे-छोटे बच्चे हैं... अभी ठंड बढ़ रही है, हम कहाँ जाएंगे?"
लेकिन कानून और आदेश के आगे संवेदनाएं हार गईं। पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को सख्ती से पीछे हटा दिया और देखते ही देखते पक्के मकान भी ताश के पत्तों की तरह ढहा दिए गए।

घर का सामान बर्तन, बिस्तर, बच्चों की किताबें सड़क पर बिखरा पड़ा था। जिन छतों के नीचे कल रात तक परिवार सो रहा था, आज वहां सिर्फ धूल का गुबार है।

क्यों लिया गया इतना कड़ा फैसला?

अब सवाल यह है कि आखिर प्रशासन को यह सख्त कदम क्यों उठाना पड़ा?
अधिकारियों का तर्क साफ़ है यह ज़मीन सरकारी थी और इस पर अवैध कब्ज़ा (Illegal Encroachment) किया गया था।
प्रशासन का कहना है कि:

  • इन लोगों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका था।
  • जमीन खाली करने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन लोगों ने कब्ज़ा नहीं छोड़ा।
  • कई बार कोर्ट (High Court) के सख्त आदेश होते हैं कि सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।

सड़क पर आ गई ज़िंदगी

कार्रवाई तो हो गई, जमीन खाली भी हो गई, लेकिन अब बड़ा सवाल उन 50 परिवारों का है जो बेघर हो गए हैं। रांची में तापमान गिर रहा है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे रात गुजारना किसी सजा से कम नहीं।

सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ लोग इसे प्रशासन की 'जरूरी कार्रवाई' बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे 'अमानवीय' करार दे रहे हैं। खैर, नियम-कानून अपनी जगह हैं, लेकिन किसी के घर का उजड़ना हमेशा तकलीफदेह होता है।

फिलहाल, इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात है। बेघर लोग अब अपनी बिखरी हुई जिंदगी को समेटने की कोशिश कर रहे हैं।

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