Ranchi Army Land Fraud Case : सुप्रीम कोर्ट से पूर्व उपायुक्त को मिली जमानत, 2 साल बाद मिली राहत
News India Live, Digital Desk: झारखंड की राजधानी रांची में करोड़ों रुपये के 'आर्मी लैंड फ्रॉड' मामले ने बड़े अधिकारियों को अपनी चपेट में ले लिया था. यह मामला सिर्फ धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि रक्षा मंत्रालय की ज़मीन से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील बन गया था. इसी हाई-प्रोफाइल केस में आरोपी रहे रांची के पूर्व उपायुक्त (Former Deputy Commissioner) को अब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, जिससे उन्हें लगभग दो साल की हिरासत के बाद बड़ी राहत मिली है. इस फैसले ने एक बार फिर इस बहुचर्चित मामले को सुर्खियों में ला दिया है.
क्या है रांची का आर्मी लैंड फ्रॉड केस?
यह मामला रांची में आर्मी के कब्जे वाली विवादित जमीन की कथित फर्जी तरीके से खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. इस मामले में बड़े स्तर पर सरकारी अधिकारियों और भू-माफियाओं की सांठगांठ उजागर हुई थी.
- फर्जीवाड़े का आरोप: आरोप था कि सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करके आर्मी की जमीन को निजी हाथों को बेचा गया, जिससे करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ.
- पूर्व उपायुक्त की गिरफ्तारी: इस मामले की जांच के दौरान रांची के तत्कालीन या पूर्व उपायुक्त पर भी गंभीर आरोप लगे और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उन पर दस्तावेजों में गड़बड़ी करने और इस फर्जीवाड़े में मिलीभगत का आरोप था.
- ED की कार्रवाई: इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी सक्रिय था और उसने कई छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति और फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत क्यों अहम?
जमानत मिलने का मतलब यह नहीं कि व्यक्ति निर्दोष साबित हो गया है, बल्कि इसका मतलब है कि न्यायालय ने इस मामले के सभी पहलुओं और हिरासत में बिताए गए समय को देखते हुए, उन्हें फिलहाल जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है.
- दो साल की हिरासत: पूर्व उपायुक्त लगभग दो साल से जेल में थे, और सुप्रीम कोर्ट ने संभवतः इस अवधि को देखते हुए उन्हें जमानत दी है.
- केस की लंबी प्रक्रिया: भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में जांच और सुनवाई की प्रक्रिया अक्सर बहुत लंबी चलती है, और लंबे समय तक जेल में रहना, भले ही मामला विचाराधीन हो, न्यायिक प्रक्रिया का एक जटिल हिस्सा है.
इस जमानत के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आर्मी लैंड फ्रॉड मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही किस दिशा में जाती है. भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से जुड़े इस मामले पर जनता की भी पैनी नजर बनी हुई है.
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